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क्या जिले के SP कर रहे पुलिस मैनुअल का उल्लंघन?

Ranchi :  झारखंड के कई जिलों के एसपी लगातार पुलिस मैनुअल और पुलिस मुख्यालय के उच्चाधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. हाल ही में सामने आए कई गंभीर मामलों से यह स्पष्ट होता है कि जिला स्तर के ये अधिकारी पुलिस मुख्यालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.  एसपी के इस रवैये से न केवल प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी परेशानी हो रही है.

 

होमगार्ड जवानों का वेतन भुगतान फंसा

सबसे प्रमुख मामला गृह रक्षकों के वेतन भुगतान से जुड़ा है. यह मामला कोरोना संक्रमण के दौरान शांति और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए होमगार्ड जवानों से संबंधित है.

 

पुलिस मुख्यालय ने पहली बार 2021 में सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर होमगार्ड जवानों की तैनाती और भुगतान की जाने वाली कुल राशि का विस्तृत ब्योरा मांगा था. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान ने तीन बार 19 सितंबर 2023, 20 अक्तूबर 2023 और 25 सितंबर 2025 को रिमाइंडर भेजा.

 

इसके बावजूद रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को नहीं मिली. रिपोर्ट नहीं मिलने से पुलिस मुख्यालय अब गृह विभाग को आवश्यक जानकारी नहीं दे पा रहा है, जिससे होमगार्ड जवानों का वेतन भुगतान फंस गया है. आखिरकार, आईजी अभियान ने 17 नवंबर को चौथी बार सभी जिलों के एसपी को रिमाइंडर भेजा है.

 

डीजीपी व आईजीपी कॉन्फ्रेंस की रिपोर्ट पर सख्ती

एक अन्य मामले में,  झारखंड पुलिस मुख्यालय ने डीजीपी  व आईजीपी कॉन्फ्रेंस 2024 की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन से संबंधित लंबित रिपोर्ट अब तक जमा नहीं करने पर कड़ा रुख अपनाया है. मुख्यालय ने संबंधित जिलों के एसपी को 24 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट भेजने का स्पष्ट निर्देश दिया है.

 

19 नवंबर को जारी पुलिस मुख्यालय के आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह रिपोर्ट नौ सितंबर को ही मांगी गई थी. इसके बावजूद कई जिलों और इकाइयों ने आवश्यक विवरण अभी तक जमा नहीं किया है.

 

सवाल : थाना प्रभारी पर कार्रवाई, एसपी पर क्यों नहीं? 

इन मामलों से यह सवाल उठ रहा है कि अगर निचले स्तर के अधिकारी, जैसे कि थाना प्रभारी किसी जिले के एसपी के साथ इसी तरह का व्यवहार करें और उनके आदेशों की अनदेखी करें, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती है.

 

ऐसे में, जब जिले के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी (एसपी) ही पुलिस मुख्यालय और उच्च अधिकारियों के निर्देशों को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं, तो उन पर प्रशासनिक सख्ती क्यों नहीं बरती जा रही है? यह प्रवृत्ति न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि पूरे कमांड एंड कंट्रोल की चेन को भी कमजोर करती है.

 

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