- धनबाद डीसी पिछले पांच महीनों से आइटी निदेशक के पद पर हैं जमे
Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में नियम विरुद्ध और मनमानी करने का आरोप लगाया है. कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में जिले का एसपी बदलने से बचने के लिए पूरे आईपीएस बैच का प्रमोशन रोकना राज्य की जनता देख चुकी है.
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक डीजीपी को बचाने के लिए डीएसपी का आईपीएस में प्रमोशन तक रोकने की मिसाल भी हेमंत सरकार में ही देखने को मिली. लेकिन अब तो सीमाएं और आगे बढ़ चुकी हैं.
तबादला होने के बाद भी निदेशक आईटी के पद पर जमें हैं आदित्य रंजन
डीएमएफटी घोटाले में चर्चित आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन फिलहाल धनबाद के डीसी हैं. हैरानी की बात यह है कि तबादला हो जाने के बावजूद पिछले पांच महीनों से वे आईटी निदेशक के पद पर भी जमे हुए हैं. सवाल यह है कि यह व्यवस्था आखिर किस आधार पर चल रही है?
एक ही समय पर धनबाद और रांची के दो पदों पर टिके रहने का औचित्य क्या है? क्या यह इतनी असाधारण प्रतिभा रखते हैं कि रांची में बैठे तमाम अधिकारी आईटी निदेशक बनने योग्य ही नहीं हैं? या फिर आपकी नीति “जितना बड़ा दुराचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी” का ये एक और उदाहरण हमारे सामने है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य को प्रशासनिक ढोंग और पद संरक्षण की राजनीति नहीं, पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत है.




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