Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में हुए पेपर लीक और सीटों की खरीद-फरोख्त को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री और उनके भ्रष्ट अधिकारियों ने हर संभव हथकंडा अपनाया.
लेकिन अब अदालत में उनकी करतूतें उजागर हो रही है. आधी रात को इंटरनेट बंद करना, लाखों रुपये के लेन-देन के सबूत मिलना और मुख्यमंत्री द्वारा बिना किसी ठोस जांच के आयोग को क्लीन चिट देना इस पूरे षड्यंत्र की ओर इशारा करता है.
JSSC-CGL परीक्षा में हुए पेपर लीक और सीटों की खरीद-फरोख्त को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM और उनके भ्रष्ट अधिकारियों ने हर संभव हथकंडा अपनाया। लेकिन अब अदालत में उनकी करतूतें उजागर हो रही हैं।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 19, 2025
सरकार द्वारा आधी रात को इंटरनेट बंद करना, लाखों रुपये के लेन-देन के सबूत…
नेपाल तक सक्रिय दलालों से जुड़ा हुआ मामला
पेपर लीक का सीधा संबंध मुख्यमंत्री के करीबी लोगों से लेकर नेपाल तक सक्रिय दलालों से जुड़ा हुआ है. सीआईडी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है. न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश हो रही है.
साजिशकर्ता के पापों का होगा हिसाब
यह पहले से जगजाहिर है कि आजकल सीआईडी कैसा और क्या काम करती है. लेकिन अब तो हाईकोर्ट नें भी मुहर लगा दी है कि सीआईडी का काम ठीक नहीं है. छात्रों को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जांच ही अंतिम विकल्प है. साजिशकर्ता चाहे कितने भी ताकतवर क्यों न हों, उनके पापों का हिसाब होगा. छात्रों का संघर्ष जरूर सफल होगा.
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