Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में मेडिकल एमबीबीएस कोर्स में नामांकन प्रक्रिया में हई अनियमितता को देखते हुए पूरी नामांकन को रद्द करने के साथ पुनः कॉउन्सिलिंग कराने की मांग की है. साथ ही अनियमितता में सलिप्त अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने के साथ पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने को कहा है.
3 अभ्यर्थियों की जाति एवं निवासी प्रमाण पत्र गलत पाया गया
बाबूलाल ने कहा कि जब गड़बड़ियों का अंदेशा अभ्यर्थियों को लगा, तब कुछ अभ्यर्थियों ने जेसीइसीइबी को आवेदन देकर नामांकन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों के जांच की मांग की, तब आईएएस अबु इमरान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई.
कमेटी के जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट है कि 3 अभ्यर्थियों (I) सुचारिता दास (II) काजल (III) भिवानी का जाति एवं निवासी प्रमाण पत्र गलत पाया गया, जिनका प्रमाण पत्र उपायुक्त गोड्डा एवं गिरिडीह द्वारा निर्गत किया था. साथ ही छह अभ्यर्थियों, जिनका जेसीइसीइबी द्वारा मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए सीटें आवंटित कर दी गई, इनका भी प्रमाणपत्र जाति एवं निवासी प्रमाण-पत्र फर्जी तरीके से बना था, जो राज्य से बाहर के रहनेवाले हैं. जेसीइसीइबी ने डाटा शेयरिंग किए बगैर जानबूझकर गड़बड़ियां करने के उद्देश्य से यह गलत कार्य को अंजाम दिया.
बाबूलाल ने ये लगाए हैं आरोप
• एमसीसी गाइडलाइन (क्लॉज 9,11) दरकिनार.
• एनटीए से लिंक किए बिना काउंसलिंग.
• फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित.
• 1985 के बाद झारखंड निवासी नियम उल्लंघन.
• जाति/निवास प्रमाणपत्र फर्जी.
• श्रेणी बदलकर एससी-एसटी कोटे में नामांकन.
फर्जी अभ्यर्थी
• आशीष कुमार (बिहार), भाविनी (दिल्ली), पप्पू सिंह.
• सुचारिता दास, काजल, मेघा कुमारी.
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