Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सरकार की तानाशाही और झारखंड पुलिस की मनमानी के कारण एक निर्दोष आदिवासी की हत्या हुई है, जबकि एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार करने से पुलिस कतरा रही है.
उन्होंने सवाल पूछा कि राजेश उर्फ डाहू यादव के बारे में क्या कार्रवाई की गई है, जो झारखंड में बालू और पत्थर के अवैध खनन और काले कारोबार का बड़ा हिस्सा चलाता है.
बाबूलाल मरांडी ने न्याय की मांग की और कहा कि सरकार को डाहू यादव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और निर्दोष आदिवासी की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देनी चाहिए.
डाहू यादव के खिलाफ कार्रवाई
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जुलाई 2022 में ईडी ने डाहू यादव के ठिकानों पर छापा मारा, करोड़ों की संपत्तियां जब्त कीं, बैंक अकाउंट फ्रीज किए और उसका एक जहाज भी जब्त किया. कुर्की जब्ती तक हुई, लेकिन कार्रवाई के बाद क्या हुआ? डाहू यादव सिर्फ एक बार ईडी दफ्तर पहुंचा और उसके बाद से आज तक फरार है.
पुलिस की निष्क्रियता
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कारोबार चलता रहा. गंगा में नाव पलटने से पांच निर्दोष मजदूरों की मौत हो गई, लेकिन सरकार और पुलिस ने कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा. सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2022 में आदेश दिया कि वह 15 दिनों के भीतर सरेंडर करे, लेकिन आदेश की भी कोई परवाह नहीं की गई.
सत्ता का संरक्षण
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डाहू यादव को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही या शायद पकड़ना चाहती ही नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि डाहू यादव आज भी साहिबगंज इलाके में सारे गोरखधंधे को डंके के चोट पर अंजाम दे रहा है और काली कमाई की हिस्सेदारी नीचे से ऊपर तक पंहुचा रहा है.
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