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आदिवासी महोत्सव पर टिप्पणी बाबूलाल के अस्वस्थ राजनीतिक मानसिकता का परिचायकः कांग्रेस

Ranchi : प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा है कि आदिवासी महोत्सव के आयोजन पर टिप्पणी बाबूलाल मरांडी के अस्वस्थ राजनीतिक मानसिकता का परिचय देता है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना पूरी झारखंड की जनता कर रही है. हमारी कामना है कि गुरुजी शीघ्र स्वस्थ होकर झारखंड की जनता के बीच में आएंगे.

 

मुख्यमंत्री अपने पारिवारिक और पुत्रवत् जिम्मेवारियों के साथ-साथ झारखंडी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्माण पूरी गंभीरता के साथ कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अपने राजधर्म और पारिवारिक धर्म का पालन कर रहे हैं ऐसे समय में बाबूलाल मरांडी को उनका हौसला बढ़ाने की बजाय उन पर टिप्पणी करना स्वस्थ राजनीतिक गरिमा के विरुद्ध है.

 

झारखंड की आदिवासी संस्कृति पूरे आदिवासी समुदाय का करती है प्रतिनिधित्व 

 

उन्होंने कहा कि आदिवासी महोत्सव का आयोजन आदिवासी समाज की सभ्यता सांस्कृतिक देश स्तर पर झारखंड की आदिवासी संस्कृति आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है. आदिवासी समुदाय के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं विभिन्न राज्यों में उदाहरण के रूप में पेश की जा रही हैं. बाबूलाल नहीं चाहते कि आदिवासी समुदाय से संबंधित किसी भी तरह का आयोजन झारखंड सरकार द्वारा देश के विभिन्न शहरों में किया जाए. 
 

 

भाजपा के शासन काल में क्या हुआ

 

आदिवासियों के प्रति घड़ियाली आंसू बहाने वाले बाबूलाल को स्पष्ट करना चाहिए कि आदिवासी समुदाय के आर्थिक और शैक्षणिक राजनीतिक विकास के लिए भाजपा के शासन काल में क्या हुआ. जिसकी जैसी नियत रहती है उसे सब कुछ वैसा ही दिखता है भाजपा ने जिस तरह आदिवासी समुदाय की विकास योजनाओं में अपने शासनकाल में कमीशन का खेल खेला है वह किसी से छुपा नहीं है.

 

महागठबंधन सरकार में झारखंड से आदिवासी समुदाय के विरासत को अक्षुण्ण रखने और वैश्विक पटल पर स्थापित करने की कवायद से भाजपा को परेशानी है. आदिवासी समुदाय को वोट बैंक मानकर उन्हें हमेशा राजनीतिक और सामाजिक रूप से भाजपा ने हासिये पर रखा है.

 

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