Himangshu karan
Baharagora : बहरागोड़ा प्रखंड के किसानों को इस साल दोहरी मार झेलनी पड़ी है. पहले 'मोंथा' चक्रवात के चलते हुई बेमौसम बारिश ने धान की फसल को प्रभावित किया. तेज हवा व बारिश से धान की बालियां खेतों में ही झुक गईं और गिरकर फसल सड़ने लगी. अब रही-सही फसल अज्ञात बीमारी की चपेट में आकर झुलसने लगी है. धान कटाई से पहले ही किसानों की सालभर की मेहनत व कमाई वर पानी फिर गया है.
किसान राम नारायण पाल, रंजीत दास, प्रबीर महतो व सत्यनारायण सिंह ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार अच्छी धूप और समय पर सिंचाई के कारण इस बार धान की बेहतर पैदावार की उम्मीद थी. लेकिन, हाल ही में आए चक्रवात तूफान और जलजमाव ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. अब खेतों से जो भी धान की पैदावार निकलेगी, उसे बाजार में औने-पौने दाम पर बेचना पड़ेगा, क्योंकि धान की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हुई है.
मुआवजे की आस में किसान
अच्छी उपज और बेहतर दाम का सपना देखने वाले बहरागोड़ा प्रखंड के किसान अब सरकार से तत्काल मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि सरकारी मदद से ही धान की फसल में हुए भारी नुकसान की कुछ भरपाई हो सकेगी और वे किसी तरह परिवार चला पाएंगे.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.


Leave a Comment