Himangshu Karan
Bahragoda: खंडामौदा पंचायत अंतर्गत रगड़ो खाल नदी किनारे स्थित खंडामौदा श्मशान घाट तक जाने के लिए सड़क की व्यवस्था न होने से ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 1800 परिवारों वाली खंडामौदा की बड़ी आबादी इससे प्रभावित है. ग्रामीणों की वर्षों पुरानी यह मांग अब भी पूरी नहीं हो पाई है.
बरसात में विकट होती है समस्या
श्मशान घाट तक जाने वाली कच्ची सड़क की हालत बेहद खराब है. बरसात के मौसम में समस्या और भी गंभीर हो जाती है. सड़क पर पानी भरने और कीचड़ जमा होने से शव के अंतिम संस्कार के लिए जाने वाले लोगों को कठिनाई होती है. कई बार मांग करने के बावजूद सड़क निर्माण के लिए कोई पहल नहीं हुई है.
झाड़ियों से घिरी कच्ची सड़क
कच्ची सड़क के बीचों-बीच और दोनों ओर झाड़ियां भर गई हैं, जिससे खाली पैर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. गांव में किसी का निधन होने पर पार्थिव शरीर को श्मशान घाट तक ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि बरसात में वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि गांव में किसी की मौत न हो. ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट पर लगभग 10 वर्ष पहले पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी के सहयोग से एक घर का निर्माण कराया गया था, उस पर भी अब झाड़ियां निकल आई हैं.
800 मीटर पक्की सड़क निर्माण की मांग
ग्रामीणों ने सरकार, विधायक और सांसद से आग्रह किया है कि एनएच 49 से श्मशान घाट तक जाने के लिए लगभग 800 मीटर पक्की सड़क का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए, ताकि उन्हें और उनके परिवारों को शव यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल सके. इस मौके पर धनपति बेरा, आसिष सतपति, सुकरा बेरा, सुनील बेरा, कराली त्रिपाठी, बिनय रथ, पवित्र बेरा, चतुर्भुज बेरा, विजय रथ, भवेश षडंगी, पापु दास, गदाधर नायक, सुभम सतपति, मदन मोहन बेरा, कान्हू बेरा, रबिन्द्रनाथ बेरा, मनोरंजन नाईक, गोपाल बेरा, बिप्लब बेरा, महेश्वर बेरा, भवानी शंकर बेरा, सुप्रसन्न बेरा, विनायक गिरी, बापुन बेरा, सुमन बेरा, ईश्वर बेरा, शिवशंकर माइती, नीना माइती, सोना महापात्र, सुरु नाईक, धीरेंद्र नाथ माइती, राम बाग, आदित्य चालक, बीजो देहरी आदि समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे.
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