Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने मगध-अम्रपााली कोल परियोजना में लेवी वसूलने के आरोपी प्रदीप राम की जमानत याचिका खारिज कर दी है. प्रदीप राम के पास से लेवी के रूप में वसूले गये 57.57 लाख रुपये नकद जब्त किये गये थे.
प्रदीप राम टीपीसी के लिए करता था काम
ईडी ने अम्रपाली परियोजना में त्रितीय प्रतुति कमेटी (TPC) द्वारा लेवी वसूलने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. इसमें यह पाया गया था कि प्रदीप राम टीपीसी के लिए काम करता था.
शेल कंपनियों के जरिये लेवी के पैसों को बनाता था जायज आमदनी
प्रदीप राम कोल परियोजना में लगे ठेकेदारों सहित अन्य से टीपीसी के लिए लेवी वसूलता था. साथ ही वह लेवी की रकम को शेल कंपनियों के सहारे बैंकिंग चैनल में डालता था. यह हथकंडा अपना कर वह लेवी के पैसों को जायज कमाई साबित करने की कोशिश करता था.
2016 में ED ने ECIR दर्ज कर जांच की
ईडी ने अम्रपाली-मगध परियोजना में लेवी वसूली के इस मामले में वर्ष 2016 में इसीआईआर दर्ज किया था. इसके बाद प्रदीप राम को गिरफ्तार कर लिया गया था. प्रदीप राम ने मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने प्रदीप राम की जमानत याचिका की रद्द
मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से उसके पास से मिली राशि को जायज आमदनी बताने की कोशिश की गयी थी. वहीं ईडी की ओर से सुनवाई के दौरान प्रदीप राम द्वारा लेवी वसूलने और उसकी लॉन्ड्रिंग करने की बात कही गयी. न्यायालय ने सुनवाई के बाद प्रदीप राम की जमानत याचिका रद्द कर दी.
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