Palamu : प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. झारखंड का बेतला नेशनल पार्क 27 सितंबर से एक बार फिर पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. हर साल की तरह इस बार भी 1 जुलाई से 31 सितंबर तक पार्क में वन्यजीवों के प्रजनन काल के चलते पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी. लेकिन नवरात्र को लेकर इसे थोड़ा पहले खोलने का निर्णय लिया गया है.
क्यों खास है बेतला पार्क
बेतला नेशनल पार्क भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है. 1,026 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में 289 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र भी शामिल है. 1932 में यहां दुनिया में पहली बार बाघों की गणना की शुरुआत हुई थी. यहां की जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता और हाथी सफारी इसे खास बनाती है. जंगलों के बीच फैली हरियाली और वनस्पतियां पर्यटकों को अनोखा अनुभव कराती हैं.
ओपन सफारी में मिलेगा नया अनुभव
इस बार बेतला नेशनल पार्क प्रबंधन ने हाई लेवल अथॉरिटी से अनुमति लेकर नवरात्र के अवसर पर पार्क खोलने का निर्णय लिया है. पर्यटक अब ओपन सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे. पार्क में दाखिल होने वाले वाहनों को मॉडिफाई कर दिया गया है, ताकि जंगल और वन्यजीवों को करीब से देखने का रोमांच और बढ़े.
हजारों लोगों की आजीविका इससे है जुड़ी
बेतला नेशनल पार्क सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि हजारों लोगों के रोजगार का जरिया भी है. नवरात्र और त्योहारों के मौसम में यहां भारी संख्या में सैलानी आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका चलती है.
पश्चिम बंगाल से आते हैं सबसे अधिक पर्यटक
पार्क में बाघ, हाथी, बायसन और बंदरों समेत कई वन्य जीव देखने को मिलते हैं. हर साल लगभग 40 हजार पर्यटक यहां आते हैं, जिनमें सबसे बड़ी संख्या पश्चिम बंगाल से आने वालों की होती है. कई बार विदेशी सैलानी भी यहां की सुंदरता से आकर्षित होकर पहुंचते हैं.
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