Bihar : बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही किशनगंज में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इन्हीं गतिविधियों के बीच जनसुराज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी की सक्रिय और वरिष्ठ नेता नुदरत मेहजबी ने शुक्रवार रात अपने सभी पदों और संस्थापक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनका यह फैसला चुनावी माहौल के बीच पार्टी के लिए एक संगठनात्मक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
किशनगंज जिला परिषद की निर्वाचित सदस्य नुदरत मेहजबी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने प्रदेश सचिव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, राज्य कोर कमिटी सदस्य और संस्थापक सदस्य जैसे सभी पदों से खुद को मुक्त करने का अनुरोध किया है.
इस्तीफे में उन्होंने पार्टी द्वारा दिए गए सभी अवसरों के लिए आभार जताते हुए लिखा है कि अब वे इन जिम्मेदारियों को आगे नहीं निभाना चाहतीं. उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें पार्टी की मूल सदस्यता से भी मुक्त किया जाए.
नुदरत मेहजबी जनसुराज पार्टी की अल्पसंख्यक महिला चेहरों में से एक थीं और पार्टी की गतिविधियों में उनकी भूमिका अहम मानी जाती थी. किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिले में, जहां अल्पसंख्यक आबादी का राजनीतिक प्रभाव गहरा है, वहां से मेहजबी का पार्टी से अलग होना जनसुराज के लिए करारा झटका माना जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका जाना न केवल पार्टी की महिला इकाई और अल्पसंख्यक समर्थन आधार को प्रभावित करेगा, बल्कि आगामी चुनावों में जन सुराज की रणनीति पर भी असर डालेगा.
हालांकि नुदरत मेहजबी ने अपने इस्तीफे में पार्टी छोड़ने के पीछे कोई सीधा कारण नहीं बताया है. उन्होंने न तो संगठनात्मक असंतोष की बात की और न ही किसी आंतरिक विवाद का उल्लेख किया. लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जिले में टिकट को लेकर चल रही खींचतान और नेतृत्व स्तर पर संवादहीनता इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है.
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