New Delhi : केंद्र सरकार ने आज बुधवार को लोकसभा में सिविल न्यूक्लियर कानून में बदलाव से संबंधित विधेयक पेश किया. केंद्रीय विज्ञान-तकनीक मामलों के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश किया. मोदी सरकार ने नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025को ऐतिहासिक करार दिया है.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसमें आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व का प्रावधान नहीं है तथा यह संवेदनशील क्षेत्र में निजी कॉरपोरेट समूहों के लिए रास्ता खोलने वाला है. विपक्ष के विरोध के बावजूद यह बिल ध्वनि मत से पास हो गया. विपक्ष इस बिल का विरोध करते हुए वॉकआउट कर गया.
KC Venugopal seeks Standing Committee, JPC review for Nuclear Energy, VB - G RAM G Bills
— ANI Digital (@ani_digital) December 17, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/D2OaUqophF#KCVenugopal #JPC #NuclearEnergy pic.twitter.com/SlIZ7pgYrM
जान लें कि सिविल न्यूक्लियर कानून में बदलाव के लिए लाये गये विधेयक को सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI), 2025 नाम दिया गया है.
इस विधेयक के माध्यम से मोदी सरकार परमाणु ऊर्जा कानून (एटॉमिक एनर्जी एक्ट), 1962 और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 को वापस ले लिया. बता दें कि वर्तमान में भारत में परमाणु पदार्थ, ऊर्जा और उपकरणों के इस्तेमाल को लेकर यही दोनों कानून और उसके दिशा-निर्देश लागू होते हैं.
अहम बात यह है कि इस विधेयक के पास होते ही आने वाले दिनों में भारत में निजी कंपनियां और यहां तक कि आम व्यक्ति भी परमाणु संयंत्र के निर्माण और इसके संचालन जैसी गतिविधियों में हिस्सा हो सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार नया विधेयक पारित होने पर सरकार 2047 तक कुल 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा पैदा करने के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करेगी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने परमाणु ऊर्जा संबंधी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसे विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाना चाहिए.
आरोप लगाया कि 2008 में जब ‘परमाणु रंगभेद की नीति खत्म करने का प्रयास जा रहा था तो भाजपा ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को पटरी से उतारने का प्रयास किया था. केसी वेणुगोपाल ने भी परमाणु बिल को जेपीसी में भेजने की मांग की.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment