Ranchi: राज्य सरकार ने बिरसा मुंडा जू में मादा जिराफ की मौत की जांच का आदेश दिया है. सरकार ने एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. वन पर्यावरण विभाग के संयुक्त सचिव ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है.
सरकार ने जांच की जिम्मेवारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी एवं वन्य प्राणी प्रतिपालक) को सौंपी है. उन्हें खुद ही जिराफ के मौत के कारणों की जांच कर सरकार को रिपोर्ट देनी है. इस सिलसिले में वन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 4-9-2025 को बिरसा मुंडा जू में मादा जिराफ की मौत हो गयी थी. इससे संबंधित खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थी. यह अत्यंत ही गंभीर मामला है. मादा जिराफ की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसकी जांच कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट दें.
सिंगापुर की यात्रा में शामिल जांच अधिकारी और जू के निदेशक
जांच अधिकारी परितोष उपाध्याय और बिरसा मुंडा जू के प्रभारी निदेशक जब्बर सिंह दोनों एक दूसरे के करीबी मित्र बताये जाते हैं. इसलिए जिराफ की मौत की जांच को अभी से संदेह की नजर से देखा जाने लगा है.
वन्य प्राणियों का जायजा लेने के लिए सिंगापुर की यात्रा करने वाले अधिकारियों के दल में भी यह दोनों अधिकारी शामिल थे. उल्लेखनीय है कि जिराफ की मौत के बाद जू के अधिकारियों की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठाये गये हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन कर सिर्फ एक सप्ताह में ही जिराफ का आम लोगों के सामने प्रदर्शित करना है.
मिष्टी नामक मादा जिराफ को आठ अगस्त के बंगाल से बिरसा मुंडा जू में लाया गया था. उसे 15 अगस्त को ही आम लोगों के सामने प्रदर्शित कर दिया गया. नियमानुसार किसी वन्य प्राणी को एक जगह से दूसरी जगह जाने के बाद नयी जगह पर 30 दिनों तक क्वारंटाइन करना है. जिराफ के पोस्टमार्टम के दौरान उसके गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई है. हालांकि मौत के अन्य कारणों की जानकारी अभी नहीं मिल सकी है.
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