New Delhi : भगवा आतंकवाद को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान द्वारा दिये गये बयान पर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गयी हैं. भाजपा सांसद संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि पृथ्वीराज चौहान ने कहा है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. इसके उलट वह हिंदू आतंकवादी या सनातन आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.
#WATCH | BJP MP Sambit Patra says, "In his speech during the debate on Operation Sindoor, PM Modi clearly said that there is a very senior leader who went to the US and told their spy agencies that saffron terror poses a greater threat to India than SIMI. You know who that senior… pic.twitter.com/7sjAIq0wqO
— ANI (@ANI) August 1, 2025
संबित पात्रा ने याद दिलाया कि पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक सम्मेलन में भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था. कुछ साल पहले, जब उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें अभी भी लगता है कि भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल करना सही है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें इस शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था. पार्टी नेतृत्व द्वारा.
संबित पात्रा ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि वह किसके बारे में बात कर रहे थे. भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने उन(शिंदे) पर भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल करने के लिए दबाव डाला था. संबित पात्रा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ तौर पर कहा कि एक बहुत वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने अमेरिका जाकर उनकी जासूसी एजेंसियों से कहा कि भगवा आतंकवाद भारत के लिए सिमी से भी बड़ा ख़तरा है.
संबित पात्रा ने बिना राहुल का नाम लिये कहा कि आप जानते हैं कि वह वरिष्ठ नेता कौन हैं, जिन्होंने अमेरिकी राजदूत से कहा कि हिंदू आतंकवाद भारत के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है. यह वोट बैंक की राजनीति के लिए गांधी परिवार का एक एजेंडा था.
संबित पात्रा ने मालेगांव ब्लास्ट केस के फैसले का जिक्र करते हुए पूर्व एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर द्वारा किये गये खुलासे पर बात रखी. संबित पात्रा ने महबूब मुजावर के बयान को कोट करते हुए कहा कि उन्होंने खुलासा किया है कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने उन पर भगवा आतंकवाद के कथानक को आगे बढ़ाने और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए भारी दबाव डाला था.
मोहन भागवत का नाम न तो चार्जशीट में था और न ही मामले में कहीं था. संबित पात्रा ने कहा कि संविधान का हवाला देते हुए महबूब मुजावर ने मोहन भागवत को गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया. महबूब मुजावर पर उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ गंभीर आरोप लगाये. परिणामस्वरूप उनकी पदोन्नति रोक दी गयी.
संबित पात्रा ने कहा कि बाद में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया. पात्रा ने कहा कि यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रतिशोधी रवैये को दर्शाता है. यह सब गांधी परिवार के आदेश पर किया जा रहा था.
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