Mumbai : मालेगांव बम धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था. यह सनसनीखेज दावा आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने किया है.
#WATCH | Solapur, Maharashtra: On NIA court acquitting all the accused in the Malegaon Blast case, Former ATS officer Mehboob Mujawar says, "At that time, my boss, Param Bir Singh, and other officers ordered me to get Mohan Bhagwat. At that time, the 'saffron terror' concept was… pic.twitter.com/APIcO3L18R
— ANI (@ANI) August 1, 2025
उन्होंने कहा कि मुझसे कहा गया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चीफ मोहन भागवत को गिरफ्तार कर लिया जाये. कल गुरुवार को महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में NIA के स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है. 17 साल बाद सामने आये इस फैसले को लेकर कांग्रेस और भाजपा में ठन गयी है.
ATS के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश का मकसद भगवा आतंकवाद की थ्योरी का स्टैब्लिस्ट करना था.
मुजावर ने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट केस में आये कोर्ट के फैसले ने एटीएस का फर्जीवाड़ा ध्वस्त कर दिया है जान लें कि प्रारंभिक जांच एटीएस ने शुरू की थी. बाद में NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया था.
मामला यह है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए ब्लास्ट में 6 लोग मारे गये थे. भारी संख्या में लोग घायल हुए थे. महबूब मुजावर इस ब्लास्ट की जांच करने वाली ATS टीम में शामिल थे. मुजावर ने कहा कि उन्हें जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने मोहन भागवत को पकड़ने को कहा था.
मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और भागवत आदि को लेकर गोपनीय आदेश दिये गये थे. कहा कि ये आदेश पालन करने लायक नहीं थे.
ATS) पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने कहा कि उनका 40 साल का कैरियर बर्बाद कर दिया गया. क्योंकि उन्होंने आदेश नहीं माना. मोहन भागवत को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि उन्हें सच का पता था. मुजावर ने कहा, आदेशों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया कोई भगवा आतंकवाद नहीं था. सब कुछ फर्जीवाड़ा था.
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