Ranchi : आक्रोश मार्च के बहाने भाजपा ने अपनी ताकत दिखाई है. सूर्या हांसदा फर्जी एनकाउंटर और आदिवासी रैयतों की जमीन छिनने की साजिश के विरोध में भाजपा नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और विरोध जताया.
बीजेपी कार्यकर्ताओं का आक्रोश मार्च जिला स्कूल से शुरू हुआ और शहीद चौक, कचहरी रोड होते हुए उपायुक्त कार्यालय की ओर कूच किया. इस दौरान रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज में उबाल है. ये खुद को अबुआ सरकार कहते हैं, लेकिन है नहीं. वर्तमान सरकार में आदिवासियों की जमीन की लूट बढ़ गई है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने डीसी कार्यालय घेरा
बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया गया. उपायुक्त कार्यालय के सामने सीपी सिंह ने कहा कि पूर्व प्रत्याशी सूर्या हांसदा को पुलिस घर से उठा ले जाती है. उस पर करेंट लगाया जाता है. फिर पहाड़ पर ले जाकर गोली मार दी जाती है.
रिम्स टू का विरोध करते हुए कहा कि आदिवासी समाज की खेती बारी पर रिम्स टू ना बनाकर बंजर भूमि पर बनाए. सरकार आदिवासी हित पर काम नहीं कर रही है. बालू टेंडर में आदिवासी समाज को स्थान नहीं दिया है. शराब टेंडर भी बड़े माफियाओं को दे दिया गया. भाजपा इसका विरोध करती रहेगी.
भाजपा सड़क से सदन तक करेगी विरोध : बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के सभी प्रखंडों में प्रदर्शन हो रहा है. सभी जिला मुख्यालयों में उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा. अबुआ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नगड़ी में रिम्स 2 के बहाने आदिवासियों की खेतीहर जमीन लूटी जा रही है. सड़क से सदन तक इसका विरोध होगा.
सूर्या हांसदा चार-चार बार चुनाव लड़े. वे नेता के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मा भी उठाया था. पत्थर माफियाओं के विरोध करते थे. सूर्या हांसदा के शव के पास उनके परिवार और मीडिया को भी जाने नहीं दिया गया.
अगर सरकार निर्दोष है तो उसे सीबीआई जांच करानी चाहिए. हेमंत सोरेन अपने आप को आदिवासियों की सरकार कहते हैं, उन्हें एक बार रिम्स 2 जाना चाहिए.
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