Ranchi : झारखंड में 31075 मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. इसमें रांची जिला में 3686 मिट्रिक टन उपलब्ध है. इसमें 252 रिटेलर के माध्यम से यूरिया का क्रय-विक्रय हो रहा है. वहीं खूंटी में 558 मिट्रिक टन, लोहरदगा में 1323 और गुमला में 751 मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है. बावजूद इसके यूरिया को ब्लैक में बेचा जा रहा है.
किसान महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज राय ने कहा कि यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी हो रही है. उन्होंने बताया कि किसानों को बाजार में 266 प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया 400 से 500 रूपये में खरीदना पड़ रहा है.
राय ने कहा कि राज्य में सिंदरी में 1.30 लाख मिट्रिक टन क्षमता वाला उर्वरक कारखाना है. बावजूद इसके किसानों को यह परेशानी झेलनी पड़ रही है. अब किसान मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे. अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे.
वहीं किसान महासभा के केंद्रीय महासचिव उपेंद्र गुरु ने धान खरीद प्रक्रिया पर कहा कि जब दिसंबर में धान की फसल तैयार हो जाती है, तो पैक्स फरवरी-मार्च में खोले जाते हैं. राज्य में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पड़ोसी राज्यों ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तुलना में 800 रूपया कम है. किसानों को भुगतान के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता है. इस बार धान खरीद केंद्रों को समय पर खोला जाए और भुगतान भी तय समय में किया जाए, अन्यथा किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment