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बोकारो लैंड स्कैम : पुनीत अग्रवाल ने जिसे 3.40 करोड़ दिये उसे नहीं देखा, कोर्ट ने कहा- मिलीभगत से इनकार नहीं

Ranchi : बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा की 100 एकड़ भूमि की अवैध ढंग से खरीद-बिक्री के आरोप में जेल में बंद पुनीत अग्रवाल को बेल देने से रांची सीआईडी की विशेष अदालत ने इनकार कर दिया है. जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पुनीत अग्रवाल ने जिसके साथ तेतुलिया की जमीन को डेवलप करने के लिए एकरारमाना किया और 3.40 करोड़ रुपये दिये उसे कभी नहीं देखा. कोर्ट ने यह कहते हुए पुनीत अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी कि जमीन की खरीद-बिक्री की साजिश में पुनीत के शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता. पुनीत अग्रवाल की ओर से दायर जमानत याचिका में खुद को निर्देश निवेशक बताया गया था. 

 

तेतुलिया की 100 एकड़ जमीन को डेवलप करने के लिए राजबीर कंस्ट्रक्शन और उमायुष मल्टीकॉम के बीच एकरारनामा करने और 3.40 करोड़ रुपये का भुगतान करने की बीत कही गयी. साथ ही यह कहा गया था कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा राजबीर कंस्ट्रक्शन पर छापामारी के बाद जमीन के विवादित होने की जानकारी मिली. इसके बाद राजबीर कंस्ट्रक्शन ने उमायुष के साथ किये गये एकरारनामे को रद्द कर दिया है और 12 प्रतिशत सूद सहित पैसा वापस करने के लिए मनी सूट दायर किया है.

 

मामले की सुनवाई के दौरान सीआईडी की ओर से पेश की गयी दलील में यह कहा गया था कि राजबीर कंस्ट्रक्शन वन विभाग की तेतुलिया स्थित जमीन की खरीद बिक्री की साजिश में शामिल है. राजबीर कंस्ट्रक्शन द्वारा दिये गये पैसों से ही रजिस्ट्री फीस का भुगतान किया गया. मामले के पर्दाफाश होने और जांच शुरू होने के बाद वह इस तरह की गलत दीलल दे रहे हैं.

 

न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनने और पेश किये गये दस्तावेज की समीक्षा के बाद पुनीत अग्रवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया. न्यायालय ने फैसले में कहा कि क्या याचिकादाता (पुनीत अग्रवाल) निर्देश निवेशक हैं. इस सवाल पर विचार करने के दौरान पाया गया कि राजबीर कंस्ट्रक्शन ने उमायुष मल्टीकॉम को 3.40 करोड़ रुपये का भुगतान करने के 18 महीने बाद उमायुष के साथ जमीन को डेवलप करने के लिए एकरारनामा किया.

 

जब उमायुष का गठन किया गया उस वक्त उसके पेड-अप कैपिटल एक लाख रुपये था. मामले में यह तथ्य काफी रोचक है कि याचिकादाता ने उमायुष के ललन सिंह को कभी नहीं देखा. उससे कभी नहीं मिले. लेकिन उसकी कंपनी उमायुष के साथ एकरारनामा किया और 3.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया. पैसों के भुगतान के बाद रजिस्ट्री हुई. सारे लेन देन शैलेष सिंह के माध्यम से किये गये. शैलेष सिंह ने उमायुष के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करायी. इन तथ्यों को देखते हुए पुनीत अग्रवाल के इस खरीद बिक्री की साजिश में शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

 

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