Ranchi: सदर अस्पताल रांची के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विकास कुमार ने आधुनिक जीवनशैली में बढ़ती मानसिक थकान और तनाव पर चिंता जताते हुए उन आदतों की सूची साझा की है, जो मस्तिष्क की ऊर्जा को तेजी से खत्म कर देती हैं. साथ ही उन्होंने ऐसे सरल उपाय भी बताए हैं, जिनसे दिमाग को फिर से सक्रिय, शांत और केंद्रित बनाया जा सकता है.
डॉ कुमार के अनुसार, लोग अक्सर यह समझ नहीं पाते कि उनकी दिनचर्या की छोटी-छोटी आदतें किस तरह मानसिक थकान का बड़ा कारण बन रही हैं. उन्होंने कहा कि लगातार तनाव, स्क्रीन की अधिकता, अनियमित नींद और काम का दबाव मस्तिष्क को धीरे-धीरे कमजोर करता है और व्यक्ति को मानसिक रूप से थका देता है.
उन्होंने बताया कि सबसे बड़े ब्रेन ड्रेनर में ओवरथिंकिंग यानी ज़्यादा सोचना शामिल है. यह आदत व्यक्ति की ऊर्जा को सबसे पहले खत्म करती है. इसके अलावा शरीर में पानी की कमी, लंबे समय तक बैठे रहना, जंक फूड, नकारात्मक लोगों का साथ, सीमाओं का अभाव और अव्यवस्थित वातावरण भी मानसिक स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करते हैं. डॉ कुमार ने कहा कि लगातार स्क्रीन देखना, शराब का सेवन और आत्म-संदेह भी मानसिक थकान को बढ़ाने वाले मुख्य कारणों में शामिल हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को अपनी खराब आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे. इसके लिए उन्होंने कई ब्रेन बूस्टर्स सुझाए, जिनमें प्रकृति के साथ समय बिताना, पर्याप्त पानी पीना, सूरज की रोशनी लेना, ध्यान और सांसों का अभ्यास करना शामिल है.
डॉ कुमार के अनुसार, नियमित और गहरी नींद मस्तिष्क को ठीक उसी तरह रीस्टोर करती है, जैसे मोबाइल को चार्जर से ऊर्जा मिलती है. अच्छी नींद के साथ-साथ व्यायाम, सकारात्मक लोगों का साथ और साफ-सुथरा वातावरण मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि कृतज्ञता की भावना और नई चीजें सीखने की आदत भी मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
अंत में उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी जीवनशैली में एक ब्रेन ड्रेनर कम करें और एक ब्रेन बूस्टर जोड़ें. यह छोटा-सा बदलाव मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का बड़ा कदम साबित हो सकता है.
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