Patna : झारखंड की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने शनिवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं को नेतृत्व के केंद्र में लाना ही सशक्त और जवाबदेह लोकतंत्र की पहली शर्त है. कार्यक्रम में महिलाओं का घोषणापत्र तैयार करने पर विशेष जोर दिया गया.
यह कार्यक्रम फ़्रेडरिक एबर्ट फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें महिला आरक्षण, राजनीतिक भागीदारी और निर्णय-निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर विमर्श हुआ. मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा अगर लोकतंत्र को सच में संवेदनशील और जवाबदेह बनाना है, तो महिलाओं को हाशिये पर नहीं, बल्कि नेतृत्व के केंद्र में लाना होगा. उनकी सहभागिता देश की दिशा तय करती है.
उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने मेनिफेस्टो और संगठनात्मक ढाँचे में महिलाओं को केवल प्रतीकात्मक स्थान न दें, बल्कि उन्हें निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करें.श्रीमती सिंह ने हा कि महिला आरक्षण को केवल स्थानीय निकायों तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है.असली बदलाव तब दिखेगा जब विधानसभा और संसद में भी महिलाओं को समान अवसर और प्रभावी प्रतिनिधित्व मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं का सशक्त राजनीतिक उदय सिर्फ एक अपेक्षा नहीं, बल्कि एक आवश्यक लोकतांत्रिक सुधार है जो समाज और राजनीति, दोनों को अधिक समावेशी और मजबूत बनाएगा.
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