NewDelhi : ब्रिटिश सरकार ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है. गृह मंत्री प्रीति पटेल ने शुक्रवार को नीरव मोदी को भारत को सौंपने के के दस्तावेज पर मुहर लगा दी. इसे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी कर फरार हुए कारोबारी को भारत लाने की मुहिम की बड़ी कामयाबी करारा दिया जा रहा है.
इससे पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर कर ली थी और इस मामले को स्वीकृति के लिए गृह मंत्री को भेज दिया था.
पंजाब नेशनल बैंक को 14 हजार करोड़ का चूना लगाया था
हालांकि नीरव मोदी के पास अभी भी भारत प्रत्यर्पित किये जाने के आदेश को कानूनी चुनौती देने का आखिरी विकल्प मौजूद होगा. नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों को एलओयू के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है उसने एलओयू यानी बैंक गारंटी का गलत इस्तेमाल कर अकेले पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था.
इस मामले के खुलासे के बाद से ही वह फरार चल रहा था. वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में जब नीरव मोदी की प्रत्यर्पण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. ब्रिटिश अदालत ने कोरोना की महामारी के दौरान उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने और भारत में जेलों की खराब हालत जैसी दलीलों को खारिज कर उसे भारत प्रत्यर्पित किये जाने पर मुहर लगाई थी.
कई मामले भारत की अदालतों में लंबित हैं
कोर्ट ने कहा था कि यह नहीं माना जा सकता कि नीरव मोदी किसी वैध कारोबार में लिप्त है. उसके लेनदेन में कोई वैध कारोबार नहीं पाया गया है और यह माना जा सकता है कि इसमें बेईमानी की गई है. इनमें से कई मामले भारत की अदालतों में लंबित हैं. कोर्ट इस बात को लेकर आश्वस्त है कि साक्ष्यों के आधार पर उसे वहां दोषी साबित किया जा सकता है. प्रथमदृष्टया यह मनी लांड्रिंग (money laundering) यानी काले धन को सफेद करने का मामला लगता है.
लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है नीरव मोदी
इस समय दक्षिण-पश्चिम लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद 50 वर्षीय नीरव मोदी के पास गृह मंत्री के आदेश को लंदन के उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए 14 दिन का समय है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, जिला न्यायाधीश ने 25 फरवरी को नीरव मोदी प्रत्यर्पण मामले में फैसला दिया था. प्रत्यर्पण आदेश पर 15 अप्रैल को हस्ताक्षर किये गये हैं.