Ranchi: झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बजट निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वित्त विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और हेड ऑफ डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है. जारी निर्देश में कहा है कि विभागों को अपने बजट प्रस्ताव में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखना होगा.
जीवन और आजीविका की सुरक्षा तथा विकास को दृष्टिपथ कर बजट तैयार किया जाएगा. साथ ही विभागों की पदों की समीक्षा के क्रम में अपने अधीन कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति के स्रोतों की भी समीक्षा कर ली जाये.
बजट निर्माण के लिए दिशा निर्देश
• विगत वर्षों में प्रारम्भ की गयी योजनाओं के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सम्यक प्रयत्न किये जाए.
• मितव्ययिता के सिद्धांत को भी ध्यान में रखा जाए.
• व्यय प्रस्ताव एफआरबीएम एक्ट में दी गई सीमाओं के अन्तर्गत दिए जाए.
• बजट प्राक्कलन प्रेषित करने से पूर्व उसकी समीक्षा करते हुए मात्र आवश्यकता आधारित प्रस्ताव ही भेजे जाएं.
राजस्व प्राप्तियों का प्राक्कलन
• करों, शुल्कों (फीस) और अधिभारों आदि की वर्त्तमान दर.
• गत तीन वर्षों में प्राप्ति की वास्तविक स्थिति एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राप्तियों की वृद्धि दर की प्रवृत्ति.
• पूर्व के वर्षों का बकाया और वित्तीय वर्ष 2026-27 में उसकी वसूली की संभावना.
• अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए अपनाये गये उपायों का राजस्व प्राप्तियों पर सकारात्मक प्रभाव.
स्थापना व्यय पर भी ध्यान रखने का निर्देश
स्थापना व्यय में वेतन, मजदूरी, देशीय यात्रा व्यय, विदेश यात्रा व्यय, कार्यालय व्यय, आपूर्ति एवं सामग्री, मुद्रण एवं प्रकाशन, विज्ञापन, प्रशिक्षण व्यय, मोटर गाड़ी ईंधन एवं मरम्मति, अनुरक्षण, मरम्मति एवं सुसज्जीकरण, राशन की लागत, वर्दी, संविदा व्यय, व्यवसायिक सेवा, किराया दरें एवं कर, पेंशन संबंधी प्रभार, पुरस्कार, मोटरगाड़ी, विद्युत व्यय, ऋण/ब्याज का भुगतान एवं अन्य ऐसे व्यय, जिनकी प्रकृति आवर्ती हैं, उसे भी शामिल किया जाए.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment