Ranchi: CA नरेश केजरीवाल ने दवा घोटाले में फंसे तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने के लिए फर्जी हिंदू अविभाजित परिवार(HUF) बनाया. इसके बाद प्रदीप कुमार की काली कमाई को इस फर्जी HUF की संपत्ति बतायी थी. साथ ही राजेंद्र कुमार को इस फर्जी परिवार का मुखिया(कर्ता) बता कर उसके नाम पर संपत्ति खरीदी. ईडी ने इस मामले में डॉक्टर प्रदीप कुमार के साथ CA के ख़िलाफ भी आरोप पत्र दायर कर रखा है.
ईडी ने जांच में पाया कि दवा घोटाले की अवधि तक तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार की कुल आमदनी 97.95 लाख रुपये थी. यह आमदनी प्रदीप कुमार के वैध स्रोतों से 2000-2008 तक के बीच हुई थी. इस अवधि में उनका कुल खर्च 39.99 लाख रुपये थी.
इस तरह उनकी कुल बचत 60.96 लाख रुपये पायी गयी थी. इसके मुकाबले उनके पास कुल 1.03 करोड़ रुपये की संपत्ति पायी गयी थी. यानी उनके पास वैध आमदनी के मुकाबले 42.28 लाख रुपये की संपत्ति अधिक थी. इस संपत्ति को खरीदने के लिए धन के स्रोत को वैध साबित करने के लिए फर्जी हिंदू अविभाजित परिवार बनाया था.
ईडी ने मामले की जांच के दौरान पाया कि नरेश केजरीवाल तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार के CA थे. प्रदीप कुमार की काली कमाई की लॉन्ड्रिंग के लिए “नंदलाल HUF” बनाया गया था. नंद लाल HUF में प्रदीप कुमार के भाई राजेंद्र कुमार को कर्ता बनाया गया. HUF के नाम पर आयकर रिटर्न दाखिल किया गया.
पूछताछ के दौरान राजेंद्र कुमार ने यह स्वीकार किया कि उसे नंद लाल HUF और उसके मुखिया होने की जानकारी नहीं है. साथ ही HUF के नाम पर दायर आयकर रिटर्न की भी जानकारी नहीं है. बाद में डॉक्टर प्रदीप कुमार ने भी ईडी को दिये गये अपने बयान में यह स्वीकार किया कि CA की सलाह पर नंदलाल HUF बनाया गया था.
इसी फर्जी HUF के खाते में 42.97 लाख रुपये की राशि जमा दिखाया गयी थी. जांच के दौरान HUF के खाते में जमा पैसों के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर प्रदीप कुमार ने यह दावा किया था कि उनकी मां के पास इंदिरा विकास पत्र (IVP) और किसान विकास पत्र (KVP) था. इसे वापस करने से मिला पैसा ही HUF के खाते में जमा किया गया था.
प्रदीप कुमार ने अपने दावों के पक्ष में 10-10 हज़ार के चार KVP अपनी मां के नाम, 10-10 हज़ार का 24 KVP अपने नाम के अलावा एक-एक हज़ार रुपये का 110 IVP से संबंधित कागजात जमा कराये. जांच में पाया गया कि 10-10 हज़ार के 24 KVP और 110 IVP एक ही दिन 16-10-1998 को खरीदा गया था. इस तरह ईडी ने प्रदीप कुमार के भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर बनाया गया HUF के खाते में वैध स्रोत से पैसा जमा होने के दावे को ख़ारिज कर दिया.
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