Ranchi: दिसंबर आते ही रांची जिले में पिकनिक का मौसम शुरू होने वाला है. ठंड का सुहावना मौसम, हल्की धूप और छुट्टियों का समय इन सबके कारण लोग बाहर घूमने और पिकनिक मनाने की तैयारी कर रहे हैं. रांची और मैक्लुस्कीगंज के सभी प्रमुख पर्यटन स्थल भी पूरी तरह तैयार हैं और मेहमानों का स्वागत करने के लिए सजधज कर तैयार खड़े हैं.
रांची के झरने और पर्यटन स्थल तैयार
हुंडरू फॉल्स
रांची का सबसे लोकप्रिय झरना.
लगभग 98 मीटर ऊंचाई से गिरता पानी.
पिकनिक सीजन के लिए आसपास की सफाई, सुरक्षा और सीढ़ियों की जांच पूरी कर ली गई है.
आने वाले दिनों में यहां सबसे ज्यादा भीड़ रहने की संभावना है.

दशम फॉल्स
कांची नदी पर बना खूबसूरत झरना.
पानी 10 धाराओं में गिरता है, जो लोगों को बेहद पसंद आता है.
तैमारा क्षेत्र में साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है ताकि परिवार आराम से पिकनिक मना सकें.
जोन्हा फॉल्स (गौतमधारा)

हैंगिंग वैली झरना और पास का बुद्ध मंदिर इसकी खासियत है.
यहां सीढ़ियों, पार्किंग और बैठने की जगहों की व्यवस्था को बेहतर किया गया है.
शांत माहौल की वजह से यह जगह दिसंबर में लोगों की पसंदीदा बन जाती है.
टैगोर हिल

सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए मशहूर.
यहां भी पिकनिक सीजन से पहले साफ-सफाई और रास्तों की मरम्मत कर दी गई है.
परिवार और युवा यहां सुबह-शाम घूमने जरूर आते हैं.
बिरसा जैविक उद्यान (ओरमांझी)

बच्चों और परिवारों की पहली पसंद.
जू प्रशासन ने जानवरों के क्षेत्र, गार्डन और टिकट काउंटरों की साफ-सफाई पूरी कर ली है.
छुट्टियों के दिनों में यहां बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है.
मैक्लुस्कीगंज पूरी तरह तैयार-‘मिनी इंग्लैंड’ में अलग ही माहौल
रांची से 60-65 किलोमीटर दूर स्थित मैक्लुस्कीगंज भी पिकनिक सीजन के लिए पूरी तरह तैयार है. शांत, हरा-भरा और एंग्लो-इंडियन स्टाइल के पुराने बंगले यहां आने वालों को एक अलग अनुभव देते हैं.
Degadegi नदी
बेहद शांत और खूबसूरत नदी.
स्थानीय लोगों ने पिकनिक सीजन शुरू होने से पहले यहां साफ-सफाई की है.
फोटो खिंचवाने और आराम करने के लिए यह जगह बेहद पसंद की जा रही है.
झुंझुनिया फॉल्स
छोटा लेकिन मनमोहक झरना.
परिवारों के बैठने और घूमने की जगहों को साफ कर दिया गया है.
दिसंबर में यहां भीड़ बढ़ने की संभावना है.
जागृति विहार
गांव का प्राकृतिक और शांत माहौल इसकी खासियत है.
यहां बच्चों और परिवारों के लिए खुले मैदान और पिकनिक की जगह तैयार कर दी गई है.
सेंट जॉन चर्च
एंग्लो-इंडियन समुदाय की विरासत को दिखाता यह चर्च भी देखने लायक है.
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