Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में MBBS पहली वर्ष (सत्र 2025-26) की छात्रा काजल ने कथित रूप से फर्जी अनुसूचित जाति (SC) प्रमाणपत्र दिखाकर प्रवेश लिया था. जांच में यह मामला सही पाया गया है, जिसके बाद रिम्स प्रबंधन ने एक दिसंबर को छात्रा का नामांकन रद्द कर दिया है. इससे पहले 20 नवंबर को छात्रा को निलंबित (सस्पेंड) किया गया था.
जांच में सामने आई अनियमितताएं
जांच में पाया गया कि छात्रा काजल ने NEET UG 2025 में OBC NCL Central List के तहत परीक्षा दी थी. लेकिन जेसीईसीई बोर्ड के जरिए SC श्रेणी में रैंक 01 के आधार पर रिम्स में प्रवेश लिया. जब रिम्स ने उसकी एडमिट कार्ड की मांग की, तो छात्रा ने कहा कि कार्ड खो गया है, जिससे संदेह और गहरा गया. इसके बाद 13 अक्टूबर 2025 को रिम्स ने जेसीईसीई बोर्ड और अंचल अधिकारी गिरिडीह से तथ्यात्मक जांच का अनुरोध किया.
गलत तथ्यों व भ्रामक जानकारी देकर प्रमाणपत्र प्राप्त किया
अंचल अधिकारी की जांच में पाया गया कि छात्रा ने भैरो चमार नाम के किसी व्यक्ति का खतियान जमा किया था, जिसके आधार पर उसे SC प्रमाणपत्र जारी किया गया था. जब असल परिवार से पूछताछ की गई तो पता चला कि काजल का उस परिवार से कोई संबंध नहीं है.
इसके अलावा, छात्रा द्वारा दिखाई गई वंशावली असली वंशावली से अलग थी. इस तरह कथित रूप से गलत तथ्यों और भ्रामक जानकारी के आधार पर काजल ने प्रमाणपत्र प्राप्त किया गया था. गिरिडीह डीसी ने भी इसकी पुष्टि की है.
जेसीईसीई बोर्ड ने 19 नवंबर को रिम्स को विस्तृत जांच की रिपोर्ट भेजी. इसके बाद 21 नंवबर को रिम्स ने छात्रा को शो कॉज नोटिस जारी किया और एक समिति गठित की, जिसने उपलब्ध सभी दस्तावेजों और तथ्यों का परीक्षण किया.
यह SC अभ्यर्थियों के अधिकारों का है उल्लंघन
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्राप्त कोई भी प्रवेश शुरू से ही अवैध माना जाता है. विभिन्न न्यायिक निर्णयों के आधार पर यह सिद्धांत स्पष्ट है कि धोखे से प्राप्त किया गया कोई भी लाभ स्वतः शून्य हो जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि उम्मीदवार ने OBC NCL श्रेणी में NEET दिया और SC आरक्षित सीट प्राप्त की, तो यह वास्तविक SC अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है.
JCECE को अगले पात्र SC अभ्यर्थी को अवसर देने का अनुरोध
समिति की रिपोर्ट और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रिम्स ने छात्रा का नामांकन रद्द कर दिया है. रिम्स ने जेसीईसीई बोर्ड को सूचित करते हुए अगले पात्र SC अभ्यर्थी को अवसर प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को भी छात्रा का नाम अभिलेखों से हटाने के लिए सूचित किया जाएगा.
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