- योजनाओं में ग्रामसभा की भूमिका होगी तय
- गांवों के जल संसाधन के प्रबंधन में भी ग्रामसभा की होगी भूमिका
- लघु वन उत्पाद पर भी ग्रामसभा का नियंत्रण होगा
- मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्टरीय परीक्षा अब दो चरणों में होगी
- कैबिनेट की बैठक में कुल 39 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
Ranchi : पंचायत उपबंध अधिनियम 1996 को राज्य सरकार ने विस्तार देते हुए झारखंड पेसा रूल के गठन को स्वीकृति दे दी है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई. बैठक में कुल 39 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली.
प्रेस ब्रीफिंग में पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने बताया कि पेसा रूल के दायरे में रांची सहित 15 जिले आएंगे. इसमें से विशुद्ध रूप से 13 जिले अनुसूचित क्षेत्र में हैं. शेष दो जिलों के कुछ प्रखंड अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं.
ग्राम सभा को जिम्मेवार और पावर भी
पंचायती राज सचिव ने बताया कि इस रूल के तहत ग्रामसभा को कतिपय क्षेत्रो में जिम्मावारी के साथ पावर दिया जाएगा. ग्रामसभा को खनन, भू अधिग्रहण के साथ योजनाओं में ग्रामसभा की भूमिका तय की गई है.
गांवों के जल संसाधन के प्रबंधन में भी ग्रामसभा की भूमिका होगी. लघु वन उत्पाद पर भी ग्रामसभा का नियंत्रण होगा. इससे ग्रामसभा सशक्त होगी. उस क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र और स्कूलों के प्रबंधन में भी ग्रामसभा की भूमिका अहम होगी. सभी रेवेन्यू गांव एक जैसे रहेंगे.
जेएसएससी की मैट्रिक और इंटर स्तरीय परीक्षा दो चरणों में होगी
अब झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तरीय परीक्षा दो चरणों में होगी. पहले परीक्षा के लिए एक चरण का प्रावधान था. नए नियम के अनुसार अब परीक्षा दो चरणों में ली जाएगी.
मुख्य परीक्षा में 50 हजार से कम आवेदन रहने पर पीटी की परीक्षा नहीं होगी. वहीं, सरकारी सेवाओं के राजपत्रित और अराजपत्रित पदों पर सीधी नियुक्ति के लिए उम्र सीमा तय कर दी गई है. अब अगले पांच साल के नियुक्तियों में उम्र सीमा 31 दिसंबर 2030 होगी.
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