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जान लें, पेसा कानून लागू होने से किसका कितना फायदा

Lagatar Desk : झारखंड सरकार ने मंगलवार को पेसा कानून को लागू करने का फैसला लिया है. इस कानून के लागू होने के साथ ही झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों को बहुत सारे लाभ मिलेंगे. 


झारखंड के 24 में से 13 जिले अनुसूचित क्षेत्र हैं. इन जिलों में आदिवासी समुदाय के लोगों का जिले के संसाधनों पर अधिकार मिलेगा. विकास योजनाओं, लाभार्थियों का चयन और स्थानीय संसाधनों का प्रबंधन का अधिकार ग्राम सभा के पास मिलेगा. इसका फायदा यह होगा कि आदिवासी बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपनी परंपरा के अनुसार गांव में शासन चला पायेंगे. 


अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को क्या होंगे फायदे


- लघु खनिज (जैसे बालू घाट, पत्थर), वन उत्पाद, जल स्रोत और सामुदायिक संसाधनों पर ग्राम सभा का अधिकार होगा. इससे खनन, वन और बाजार से होने वाली आय गांव को मिलेगी और आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन के पारंपरिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे.


- ग्राम सभा की सहमति के बिना जमीन का अधिग्रहण या गैर-आदिवासी को हस्तांतरण नहीं हो सकेगा. धोखाधड़ी से ली गई आदिवासी जमीन को वापस करने का अधिकार ग्राम सभा को मिलेगा, जिससे भूमि हड़पने की समस्या कम होगी.


- ग्राम सभा को अपना फंड बनाने का अधिकार मिलेगा, जिसमें दान, जुर्माना, वन उत्पाद की रॉयल्टी आदि शामिल होंगे. डीएमएफटी (जिला खनिज विकास निधि) और अनुच्छेद 275(1) की अनुदान राशि पर ग्राम सभा का निर्णय होगा, जिससे गांवों में विकास कार्यों से सीधा लाभ आदिवासियों को मिलेगा.


-  आदिवासी परंपराओं, रीति-रिवाजों और धार्मिक प्रथाओं की रक्षा होगी. ग्राम सभा पारंपरिक विवाद सुलझाने, शांति बनाए रखने और कुछ छोटे अपराधों में दंड देने का अधिकार रखेगी. पुलिस को गिरफ्तारी के 48 घंटे में ग्राम सभा को सूचना देनी होगी.


- सरकारी योजनाओं के लाभार्थी चयन और कार्यान्वयन में ग्राम सभा की भूमिका होगी, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा और लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा. इससे आदिवासी इलाकों में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं पर असर पड़ेगा. 

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