Ranchi : झारखंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए व्यापार करने में सुगमता की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) द्वारा परफॉर्मेंस ऑडिट किया जा रहा है.
इसी उद्देश्य से आज चैंबर भवन में उद्योग प्रतिनिधियों और व्यावसायिक संगठनों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स, जेसिया और कई उद्यमियों ने एमएसएमई सेक्टर में आने वाली दिक्कतों और सुधार की जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक की अध्यक्षता प्रधान महालेखाकार (ऑडिट) कार्यालय की प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल इंदु अग्रवाल ने की.
बैठक में उद्योग खोलने और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, निर्माण अनुमति, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, बिजली कनेक्शन, विभागीय मंजूरियां व एनओसी, एमएसएमई के लिए आसान लोन उपलब्धता, टैक्स भुगतान, इंसेंटिव की मंजूरी, कौशल विकास, मार्केटिंग सपोर्ट, सुरक्षित व्यवसाय माहौल और कॉन्ट्रैक्ट विवादों के समाधान जैसे प्रमुख मुद्दे उठाए गए.
चैंबर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि एमएसएमई झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ केवल सुविधा का विषय नहीं बल्कि निवेश बढ़ाने का मुख्य आधार भी है. उन्होंने कहा कि उद्योग समुदाय द्वारा बताई गई समस्याएं जमीनी हकीकत पर आधारित हैं और उम्मीद जताई कि कैग की यह समीक्षा राज्य की नीतियों और प्रक्रियाओं को और अधिक सरल व पारदर्शी बनाने में मदद करेगी.
चैंबर के उपाध्यक्ष राम बांगड़, प्रवीण लोहिया, महासचिव रोहित अग्रवाल और अन्य पदाधिकारियों ने भी कहा कि राज्य में नीतियां तो बेहतर बनती हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन अक्सर कमजोर रहता है.
विशेषकर टेक्सटाइल पॉलिसी को हर वर्ष सिर्फ एक साल के लिए बढ़ाने पर उद्यमियों ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अल्पकालिक नीति के आधार पर कोई भी निवेशक उद्योग स्थापित करने का जोखिम नहीं लेता, इसलिए नीतियां लंबे समय के लिए बनाई जानी चाहिए.
इंदु अग्रवाल ने बैठक को रचनात्मक बताते हुए कहा कि चैंबर और उद्योग समुदाय के साथ संवाद आगे भी जारी रहेगा. बैठक में कैग टीम के सदानंद नस्कर, चम्पक रॉय, रंजीत कुमार, अमित कुमार, सुंदरकान्त झा समेत कई अधिकारी मौजूद थे. वहीं, चैंबर से शशांक भारद्वाज, महेंद्र जैन और कृष्णा अग्रवाल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे.
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