Ranchi : लतरातू डैम ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. यहां पहली बार केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन की शुरुआत हुई. राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 40 आधुनिक केजों का उद्घाटन कर ग्रामीणों को रोजगार की नई दिशा दी है. कार्यक्रम के दौरान मेजर कार्प संचयन के साथ जाल, लाइफ जैकेट, नाव और केज हाउस जैसी परिसंपत्तियों का वितरण किया गया.
केज कल्चर से मत्स्य पालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होगा वरदान साबित
मंत्री तिर्की ने कहा कि केज कल्चर से मत्स्य पालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा. लापुंग जैसे दूरदराज इलाके में यह शुरुआत मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने बताया कि रांची का गेतलसूद डैम केज कल्चर से सालाना 25–30 लाख रुपये की कमाई कर सफल मॉडल बन चुका है. जल्द ही लतरातु के मत्स्य पालकों को वहां एक्सपोजर विजिट कराकर सफलता की तकनीक से अवगत कराया जाएगा.
धान बिचौलियों को न बेचकर सीधे लैंप्स–पैक्स में दे, एक मुश्त में दे रही भुगतान
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन पलायन रोकने और युवाओं को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने का सशक्त माध्यम है. विभाग हर स्तर पर मत्स्य पालकों को सहयोग देने के लिए तैयार है. मंत्री ने किसानों से धान बिचौलियों को न बेचकर सीधे लैंप्स–पैक्स में देने की अपील की है. इस साल से सरकार धान का भुगतान एकमुश्त कर रही है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.
ग्रामीणों को SIR के प्रति सतर्क रहने और मतदाता सूची में नाम सुरक्षित रखने की भी सलाह दी गई. मौके पर लापुंग सीओ पंकज कुमार, मुखिया अलका तिर्की, संतोष तिर्की, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जयंत बारला, जिला मत्स्य पदाधिकारी जयंत कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे.
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