Ranchi : झारखंड सरकार पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की तैनाती का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है. अब स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि राज्य को मूल बकाया राशि से कहीं ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है. यह स्थिति राज्य की वित्तीय सेहत के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.
ब्याज बना बड़ा बोझ, मूल राशि 5,853.81 करोड़ और ब्याज 7,522.67 करोड़
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, झारखंड पर CAPF तैनाती की मूल बकाया राशि 5,853.81 करोड़ रुपये है. लेकिन चिंता की बात यह है कि इस पर अब तक का ब्याज 7,522.67 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इस तरह कुल बकाया राशि बढ़कर 13,376.48 करोड़ रुपये हो गई है.
तैनाती शुल्क और ब्याज दरों में हुआ संशोधन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल 2024 में सीएपीएफ की तैनाती से संबंधित शुल्क और ब्याज दरों में संशोधन किया है. नई नीति के तहत, सामान्य क्षेत्रों में एक सीएपीएफ बटालियन के लिए प्रति वर्ष वसूली योग्य राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 24.43 करोड़ निर्धारित की गई है. वहीं उच्च जोखिम व मध्यम कठिनाई वाले क्षेत्रों के लिए तैनाती शुल्क 37.51 करोड़ है.
जबकि उच्च जोखिम और अति कठिन क्षेत्रों के लिए यह राशि संशोधित कर 43.35 करोड़ तक कर दी गई है. ब्याज दर की बात करें तो इसमें भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. पहले जगां 2.5% तिमाही चक्रवृद्धि व्याज वसूला जाता था, अब उसे घटाकर 5% वार्षिक साधारण ब्याज कर दिया गया है. यह संशोधित ब्याज दर तब प्रभावी होती है, जब संबंधित राज्य सीएपीएफ तैनती बिल जारी होने के एक वर्ष के भीतर भुगतान नहीं करती है.
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