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गलत विज्ञापन करने के आरोप में Vision IAS पर CCPA ने 11 लाख का दंड लगाया

Ranchi: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA)  ने गलत विज्ञापन प्रकाशित करने के आरोप में Vision IAS कोचिंग संस्थान पर 11 लाख रुपये का दंड लगाया है. इस कोचिंग संस्थान द्वारा अपने वेबसाइट पर किये गये दावों की जांच पड़ताल के बाद CCPA अध्यक्ष निधि खरे ने यह कार्रवाई की है. गलत दावा कर छात्रों को लुभाने के आरोप में CCPA द्वारा अब तक 28 कोचिंग संस्थानों पर 1.09 करोड़ रुपये का दंड लगाया जा चुका है.


Vision IAS (Ajay Vision Education Pvt. Limited) ने अपने वेबसाइट पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 और 2023 के रिजल्ट को लेकर अपने वेबसाइट पर गलत दावा करते हुए विज्ञापन प्रकाशित किया था. इस कोचिंग संस्थान द्वारा 2023 के टॉप 10 में सात और टॉप 100 में 79 चयन अपने संस्थान के छात्रों के होने का दावा किया है. 


इसी तरह 2022 में टॉप 50 में 39 का चयन अपने संस्था से होना का दावा किया है. CCPA ने कोचिंग संस्थान द्वारा किये गये इस दावे की जांच की और भ्रामक पाया. जांच में पाया गया कि इस कोचिंग संस्थान ने अपने वेबसाइट पर शुभम कुमार द्वारा चुने गये कोर्स GS फाउंडेशन बैच (क्लासरूम स्टूडेंट) का उल्लेख किया है. 


उसी वेबसाइट पर दिखाये गये अन्य सफल उम्मीदवारों द्वारा लिये गये कोर्स को जानबूझ कर छुपाया. इससे यह धारणा बनी कि बाकी सभी उम्मीदवार GS फाउंडेशन बैच के क्लासरूम छात्र थे. हालांकि यह सही नहीं है. संस्थान ने अपने वेबसाइट पर फाउंडेशन कोर्स को प्रमुखता से प्रचारित प्रसारित किया. इस तरह के गलत दावों से छात्र इस संस्था में एडमिशन के लिए प्रेरित होते हैं.  

 

इस संस्थान ने UPSC 2022 और 2023 में 119 उम्मीदवारों के सफल होने का दावा किया था. जांच में पाया गया कि सिर्फ तीन उम्मीदवारों से फाउंडेशन कोर्स में एडमिशन लिया था. बाकी 116 उम्मीदवारों ने प्रिलिम्स, मेंस टेस्ट सीरीज, मॉक इंटरव्यू जैसी सेवाएं ली थी.

 

विज्ञापन में तथ्यों को छिपाये जाने की वजह से यह भ्रम पैदा हुआ कि उम्मीदवारों के सभी चरणों में सफल इस संस्थान में पढ़ने से मिली है. संस्थान द्वारा किया गया यह दावा CCPA Act की धारा 2(28) के प्रावधानों के तहत भ्रामक विज्ञापन के दायरे में आता है. 

 

Vision IAS के खिलाफ भ्रामक विज्ञान के मामले में CCPA द्वारा पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है. संस्थान द्वारा दूसरी बार की गयी गलती की वजह से इसे अपराध माना गया और अधिक दंड लगाया गया.

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