Ranchi/Chaibasa : झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त कार्रवाई के दबाव और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी के 10 सदस्यों ने सरेंडर कर दिया. सभी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता, सीआरपीएफ आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माईकल राज एस और आईजी झारखंड पुलिस अनूप बिरथरे के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण किया.
अधिकारिक तौर पर अभी कराया गया आत्मसमर्पण
उल्लेखनीय है कि इन सभी भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने तत्कालीन एसपी राकेश रंजन के कार्यकाल के दौरान ही पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. हालांकि आधिकारिक तौर पर इन सभी नक्सलियों को गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान आत्मसमर्पण कराया गया. जानकारी है कि कुछ और नक्सलियों ने बीते दिनों चाईबासा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है, जिसे जल्द ही अधिकारिक रूप से आत्मसमर्पण कराया जाएगा.
छह पुरुष और चार महिला नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
- रांदो बोर्डपाई
- गार्दी कोड़ा
- जोहन पूर्ति
- निरसो सीदु
- घोनोर देवगम
- गौमेया कोड़ा
- केरा कोड़ा
- कैरी कायम
- सावित्री गोप
- प्रदीप सिंह
9,631 से अधिक अभियान किए गए संचालित
चाईबासा जिले के कोल्हान और सारंडा क्षेत्र में, जहां भाकपा माओवादी का पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो (ईआरबी) सक्रिय है, पुलिस ने पिछले तीन वर्षों में लगातार अभियान चलाए हैं. इन अभियानों के तहत, 9,631 से अधिक अभियान संचालित किए गए. इस दौरान 175 नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
वहीं पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ों में 10 नक्सली मारे गए. पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और अन्य सामान भी बरामद किए. इसके अलावा, इन क्षेत्रों में नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, जिससे आम जनता में सुरक्षा का भाव बढ़ा है और नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र लगातार सिमट रहा है
चाईबासा में 26 नक्सली मुख्य धारा में हो चुके हैं शामिल
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पिछले तीन वर्षों में पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा में कुल 26 नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं. पुलिस ने एक बार फिर सभी नक्सलियों से अपील की है कि वे इस नीति का लाभ उठाएं और हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के साथ जुड़ें.
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