Shambhu Kumar
Chakradharpur : माता काली पूजा को लेकर गुरुवार को कराईकेला के बाउरीसाई काली मंदिर परिसर में अग्नि परीक्षा एवं रंजनी फोड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सैकड़ो भक्तों ने गाजे बाजे के साथ बाउरासाई तालाब से स्नान कर पूजा-अर्चना किया.

इस दौरान भक्तों ने कलश यात्रा निकाली. मंदिर परिसर पहुंच कर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. पूजा के बाद भक्त जलते आग के अंगारों पर नंगे पांव चले. वहीं, कील से छह भक्तों ने शरीर पर छेदन कर रंजनी फोड़ा की परपंरा को निभाया.
अग्नि परीक्षा के बाद परासर महतो के नेतृत्व में छह भक्तों ने अपने बांह पर लोहे के नुकीले कील पर छेदन कर काइस घांस को आर पार किया. जिसके बाद बांह में छेदे गये भक्तों को श्रद्धालु काइस घांस के सहारे खींचते हुए मंदिर पहुंचे. इस दौरान भक्तों ने गाजे बाजे के साथ बाउरीसाई ऊपर टोला से मंदिर परिसर पहुंच कर पूजा-अर्चना की.
ग्राम मुण्डा परमेश्वर महतो बताया की सैकड़ो वर्ष पुरानी परंपरा अब भी गांव में झलकती है. गांव-गांव में पूजा के मौके पर श्रद्धालुओं ने जलते आग के अंगारों पर नंगे पांव चलना, लोहे से बनाया गया कील में शरीर पर छुड़वाकर अपनी भक्ति दिखाई.
स्थानीय लोगों ने बताया कि 1850 से यह परंपरा कराईकेला के बाउरीसाई गांव में काली पूजा पर चलते आ रहा है. समाजसेवी नरेन्द्र प्रसाद महतो ने बताया कि 1850 इसवी से बाउरीसाई में मां काली की पूजा ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है. बताया कि माता के दरबार में मांगी मन्नतें पूरी होने से बकरा, बत्तख की बली दे कर पूजा किया जाता जाता है.
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से अध्यक्ष विजय कुमार महतो, उपाध्यक्ष पवन कुमार महतो, सचिव अखिलेश महतो, कोषाध्यक्ष विनय कुमार महतो, उप कोषाध्यक्ष नीलकंठ कटियार, संगठन सचिव जितेंद्र महतो, श्रीनिवास महतो, शातानु महतो, दिपक महतो, अभिलेख महतो, मानतानु महतो, रतन महतो, छोटेलाल महतो, अजय महतो, ताराचन्द महतो, तुलषी महतो, बीजू प्रामाणिक, अमूल्य महतो समेत ग्रामीणों का सराहनिय योगदान रहा.
समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने माता के समक्ष टेका माथा
बाउरी साई गांव में काली पूजा पर आयोजित अग्नि परीक्षा व रजनीपुडा कार्यक्रम में समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई पहुंचे और कमेटी के सदस्यों के साथ मां काली के दरबार में पूजा-अर्चना की और क्षेत्र की सुख शांति का प्रार्थना किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी लोगों में यह आस्था है कि यहां मां काली से जो भी मन्नतें मांगी जाती है वह पूरी होती है.



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