Ranchi: राज्य के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है. राज्य की महागठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चंपाई सोरेन ने ऐलान किया है कि वे नगड़ी के किसानों का समर्थन करेंगे.
24 अगस्त को ग्रामीणों के 'हल जोतो, रोपा रोपो' आंदोलन में शामिल होंगे. रिम्स टू के लिए प्रस्तावित जमीन पर हल चलाएंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून, सीएनटी एक्ट और ग्राम सभा के नियमों का पालन नहीं किया गया है. वे मंगलवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप
चंपाई सोरेन ने राज्य की महागठबंधन सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के हितों की अनदेखी कर रही है और उनकी जमीन छीनने की कोशिश कर रही है.
कहा कि सरकार रिम्स 2 के निर्माण के लिए आदिवासियों की जमीन अनुचित तरीके से ले रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास स्मार्ट सिटी में सैकड़ों एकड़ जमीन उपलब्ध है, तो फिर सरकार आदिवासियों की जमीन क्यों छीनना चाहती है? नगड़ी में किसानों ने पिछले साल तक खेती की थी, लेकिन अब उस जमीन पर तार की बाड़ लगाकर उन्हें जाने से रोक दिया गया है.
जमीन अधिग्रहण की वैधानिक प्रक्रिया भी पूरी नहीं
चंपाई सोरेन ने सवाल उठाया कि जब अधिग्रहण की कोई वैधानिक प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है तो किसानों को खेती से रोकने का आदेश किस आधार पर जारी किया गया. सरकार आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है और उनकी जमीन छीनने की कोशिश कर रही है.
सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर भी उठाए सवाल
चंपाई सोरेन ने सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सूर्या आदिवासी था, इसलिए मार दिया गया. सरकार की कथनी और करनी में अंतर है.
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