- निष्पक्ष जांच के पीछे छिपा है ईचागढ़ भाजपा में गुटबाजी का राज
Chandil (Dilip Kumar) : क्या ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की गुटबाजी चरम पर पहुंच गया है. क्या नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है. क्या ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र को भाजपा के गैर मतदाता नेता रणभूमि बना रहे हैं. आम लोगों के बीच फिलहाल ऐसे कई सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है. चांडिल थाना में दो अलग-अलग शिकायत के सार्वजनिक होने के बाद अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बुधवार की शाम वाकई में भाजपा के दो गुटों में आपसी झड़प और मारपीट हुई थी? या फिर वर्चस्व स्थापित करने की नीयत से एक मनगढ़ंत कहानी तैयार की गई है?
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क्या बिनोद, आकाश व छोटू पर लगाए गए आरोप झूठे हैं? या गुरुचरण महंती के खिलाफ शिकायत, उनके द्वारा दर्ज कराए गए मामले को झूठा साबित करने की एक रणनीति है? कुल मिलाकर थाने में किए गए दोनों शिकायत कई सवाल खड़े कर रहे हैं. बहरहाल, दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच के पीछे ही बामुनडीह से जुड़ी घटना का राज छिपा है. पुलिस की गहन व निष्पक्ष जांच के बाद ही दोनों शिकायतों की सच्चाई सामने आएगी. साथ ही ईचागढ़ भाजपा में गुटबाजी से भी पर्दा उठेगा.
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छेड़खानी की शिकायत के बाद आया नया मोड़
दरअसल, 17 जनवरी की शाम ईचागढ़ भाजपा के दो गुटों में कथित रूप से हिंसक झड़प हुई थी. इस संबंध में चांडिल थाना में मारपीट, छिनतई व धमकी देने की घटना का जिक्र करते हुए भाजपा नेत्री सारथी महतो समर्थक चिलगु निवासी गुरुचरण महंती ने मामला दर्ज कराया है. इस मामले में भाजयुमो नेता बिनोद राय, आकाश महतो व छोटू और अन्य को आरोपी बनाया गया है. गुरुचरण महंती द्वारा चांडिल थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराने के तत्काल बाद ही पुलिस ने बिनोद राय समर्थक आकाश महतो को गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दिया था. वहीं, 19 जनवरी को मामले में नया मोड़ सामने आया.
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चांडिल थाना में बिनोद राय, आकाश महतो व छोटू आदि के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले गुरुचरण महंती के विरुद्ध एक महिला ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया है. शिकायत में कहा गया है कि चांडिल थाना क्षेत्र के बामुनडीह की रहने वाली महिला (शिकायतकर्ता) 17 जनवरी को जयदा मेला से अपने घर लौट रही थी. उसके घर के समीप मोटरसाइकिल से आकर गुरुचरण महंती ने छेड़खानी की. वहीं, छेड़खानी के दौरान बीच-बचाव में आए फुलचांद मांझी को गुरुचरण महंती ने जाति सूचक गाली दी.
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गुटबाजी पर पूर्ण विराम लगाने का प्रयास विफल
दोनों घटना को लेकर बुधवार शाम से अब तक भाजपा जिला समिति या आलाकमान की ओर से किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है. न ही सभी गुटों को एक साथ लाने की पहल हुई है. संगठन में अनुसाशन ही प्राथमिकता और संगठन ही सर्वोपरि का दंभ भरने वाले भाजपा के रांची से सांसद संजय सेठ ने चुप्पी साध ली है. यहां तक कि सांसद घटना के दूसरे दिन ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए.
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विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए, लेकिन सांसद ने मीडिया को अपने आगमन की भनक तक लगने नहीं दी. वहीं, ईचागढ़ विधानसभा में अलग-अलग गुटों का नेतृत्व कर रहे नेता विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं. जानकारी के अनुसार इस मामले को लेकर भाजपा के सरायकेला-खरसावां जिला समिति ने चांडिल में एक गुप्त बैठक की. बैठक में गुटबाजी पर पूर्णविराम लगाने पर चर्चा की गई, लेकिन प्रयास विफल रहा.
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