- फर्जी VIP को पुलिस ने दिया सरकारी सुरक्षा और सम्मान
- असली पहचान सामने आते ही हड़कंप मचा
- पुलिस कार्रवाई से पहले ही भाग निकला
- फर्जी लेटरहेड से लेता था सरकारी सुविधाएं
- राजस्थान पुलिस ने 2020 में किया था गिरफ्तार
Chatra : फर्जी तरीके से सरकारी सुरक्षा लेने वाले व्यक्ति को चतरा पुलिस ने एस्कॉर्ट दिया. इतना ही नहीं उसे शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया. बाद में जब उसकी असली पहचान सामने आई, तो पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की गई. लेकिन वह भाग निकला.
बजरंग वाहिनी दल के कार्यक्रम में शामिल होने आया था गजराज सिंह
जानकारों के मुताबिक, बीते 29 अगस्त को दिल्ली के खानपुर का रहने वाला गजराज सिंह गुर्जर चतरा के प्रतापपुर में अपने संगठन 'बजरंग वाहिनी दल' के एक कार्यक्रम में शामिल होने आया था. उन्होंने खुद को एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में पेश किया.
पुलिस ने बिना किसी जांच-पड़ताल के उन्हें न केवल सुरक्षा और एस्कॉर्ट प्रदान किया, बल्कि उनका शॉल देकर सम्मान भी किया. कार्यक्रम के दौरान, प्रतापपुर के थाना प्रभारी खुद उनके साथ मंच साझा करते नजर आए और उनकी सुरक्षा में पूरी पुलिस टीम लगी रही.
पुलिस की आने की भनक पर कार्यक्रम के बीच से हुआ फरार
पुलिस को इस बात की सूचना मिली कि गजराज सिंह गुर्जर एक शातिर ठग है और वह पहले भी कई राज्यों (उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा) में बड़े अधिकारियों को फर्जी ईमेल भेजकर सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं ले चुका है.
इस तरह के मामलों में वह जेल भी जा चुका है. इतना ही नहीं, वह कुख्यात पपला गुर्जर गैंग का भी सदस्य है. यह जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम को उसे गिरफ्तार करने के लिए प्रतापपुर भेजा.
लेकिन गजराज सिंह गुर्जर को पुलिस की आने की भनक लग गई और वह कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर इमामगंज के रास्ते बिहार की ओर भाग निकला.
साल 2020 में हुआ था गिरफ्तार
राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने 17 जुलाई 2020 को गजराज सिंह गुज्जर को गिरफ्तार किया था. दिल्ली के खानपुर का रहने वाला गजराज सिंह गुर्जर 8वीं फेल है और 2015 से वह तीन राज्यों की पुलिस को बेवकूफ बनाकर पुलिस सुरक्षा और वीवीआईपी सुविधा ले रहा था.
गजराज सिंह ने युवा हिंदू परिषद और भारत सरकार के राशन वितरण व सलाहकार समिति का सदस्य बनकर उनके लेटर हेड पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के पुलिस महानिदेशकों, मुख्य सचिवों, संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टरों को मेल भेजकर उनसे वीवीआईपी सुविधा और पुलिस सुरक्षा हासिल करता था.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें
Leave a Comment