Ranchi: झारखंड शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार हुए दो लोगों को छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शराब घोटाले के मामले में ट्रांजिट रिमांड पर लिया है. इन आरोपियों का नाम अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा है, जो श्री ओम साईं बेवरेज कंपनी का डायरेक्टर हैं.
इन दोनों को गुरुवार को छत्तीसगढ़ एसीबी की टीम रांची से रायपुर के लिए लेकर रवाना हो गई. जिसके बाद दोनों को शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की तरह भी झारखंड में घोटाला हुआ है.
इस मामले में झारखंड की एसीबी जांच कर रही है. श्री ओम साईं बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और इन्हें झारखंड एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन जब उनके जवाब संतोषजनक नहीं मिले, तो उन्हें दो महीने पहले झारखंड एसीबी गिरफ्तार किया था.
छठवीं चार्जशीट दायर की थी
छत्तीसगढ़ एसीबी ने इस मामले में हाल ही में रायपुर की विशेष अदालत में छठवीं चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट के अनुसार इस घोटाले से विजय कुमार भाटिया को करीब 14 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. आरोप है कि भाटिया ने इस रकम को निकालने के लिए कई खातों और फर्जी डायरेक्टरों का इस्तेमाल किया. इसके अलावा नेक्सजेन पावर इंजिटेक से जुड़े संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को भी करीब 11 करोड़ रुपये दिए गए थे.
पूरा घोटाला FL-10 लाइसेंस प्रणाली पर आधारित था
जांच एजेंसियों का कहना है कि यह पूरा घोटाला FL-10 लाइसेंस प्रणाली पर आधारित था. राज्य सरकार ने शराब की खरीद और सप्लाई के लिए दो तरह के लाइसेंस जारी किए थे, इस लाइसेंस के तहत, किसी भी राज्य से शराब खरीदने और बेचने की छूट थी. FL-10 B लाइसेंस के तहत, केवल छत्तीसगढ़ के निर्माताओं से विदेशी ब्रांड की शराब खरीदने और सप्लाई करने की अनुमति थी.
लेकिन असल में यह पूरा कारोबार छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन को सौंप दिया गया था और इसी के जरिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और पैसों का हेरफेर किया गया.
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