Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सदस्य डॉ तनुज खत्री ने एक बयान जारी करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके समर्थित छात्र संगठनों पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित छात्र संगठन बिना पढ़े-समझे ऐतिहासिक झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 का विरोध कर रहे हैं.
यह उनकी आदत बन चुकी है कि किसी भी जनहितकारी और छात्र हितकारी कदम का सार समझे बिना विरोध करना है और झूठ फैलाकर छात्रों को गुमराह करना है.
विधेयक में छात्रों के अधिकारों को दिया गया सम्मान
डॉ तनुज ने कहा कि इस विधेयक के सेक्शन 75, पृष्ठ 73, संख्या 2 में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि छात्र संघ के अध्यक्ष और सचिव का चुनाव केवल नियमित (रेगुलर) छात्र ही करेंगे. यह व्यवस्था पहले से लागू थी और इसे बरकरार रखा गया है. इसके साथ ही हेमंत सोरेन सरकार ने दो ऐतिहासिक और क्रांतिकारी प्रावधान शामिल किए हैं:
एक महिला प्रतिनिधि का चुनाव अनिवार्य रूप से किया जाएगा.
एसटी, एससी, पीवीटीजी या ओबीसी वर्ग से एक प्रतिनिधि का होना अनिवार्य होगा.
डॉ तनुज ने कहा कि यह प्रावधान झारखंड की छात्र राजनीति में समान प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं. इससे विश्वविद्यालयों में हर वर्ग की आवाज़ छात्र संघ तक पहुंचेगी.
भाजपा को है राजभवन की शक्तियां कम होने का डर
डॉ तनुज ने आरोप लगाया कि भाजपा को छात्र संघ चुनावों से ज़्यादा चिंता इस बात की है कि अब विश्वविद्यालयों का नियंत्रण झारखंड की चुनी हुई सरकार और युवाओं के पास आ रहा है. भाजपा को यह नागवार गुजर रहा है कि अब झारखंड में फैसले दिल्ली से नहीं बल्कि झारखंड की धरती से लिए जाएंगे.
झारखंड के युवाओं ने पहले भी दिया करारा जवाब
डॉ तनुज ने यह भी याद दिलाया कि झारखंड के छात्रों और युवाओं ने 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारा जवाब दिया था. अब भी भाजपा समर्थित संगठन छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन झारखंड का छात्र अब पूरी तरह से जागरूक और समझदार है.
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