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CID ने 15,000 म्यूल बैंक खातों की पहचान की, साइबर ठगी की रकम छिपाने में शामिल 7 अरेस्ट

Ranchi: झारखंड पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में लगभग 15,000 म्यूल बैंक खातों की पहचान की गई है. जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी धोखाधड़ी की रकम छिपाने के लिए करते थे. 


यह पहचान भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित समन्वय पोर्टल के विश्लेषण के बाद हुई है. सीआईडी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि 10 लाख रुपये या उससे अधिक के लेनदेन वाले 40 लेयर-1 खातों पर बीते 29 जुलाई को एफआईआर (कांड संख्या 89/25) दर्ज की गई है. 


इस मामले में अब तक कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ये अपराधी मुख्य रूप से निवेश घोटालों में सक्रिय थे. जांच से पता चला है कि इन साइबर अपराधियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है.

 

 14 राज्यों में दर्ज हुई है शिकायत 

 

गिरफ्तार आरोपियों से मिले बैंक खातों से जुड़े निवेश घोटालों की शिकायतें बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में दर्ज हुई हैं.

 

 पकड़े गए आरोपियों का इंटरस्टेट क्राइम लिंकेज 

 

- रौशन कुमार: तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश.

- राजेंद्र साव: दिल्ली.

- प्रेम रंजन सिन्हा: आंध्रप्रदेश, दिल्ली और राजस्थान.

- जितेंद्र कुमार पप्पू: केरला, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, चंडीगढ़.

- नूरेज अंसारी: दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल.

- सतीश कुमार: आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र.

- गणेश चिक बड़ाइक: कर्नाटक, हिमाचल, केरला, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल.

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