सहित देश भर में हुई कोयले की कमी, कई राज्यों में गहराया बिजली संकट, मात्र 8 से 10 घंटे ही मिल रहा पावर
चीफ जस्टिस ने ट्वीट को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया
CJI कहा कि यह खुद समझना चाहिए कि ये कैसे हो सकता है...मैं कोर्ट में हूं. सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि हमें यह देखकर अफसोस है कि कोई व्यक्ति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हद को पार कर रहा है. उन्हें तथ्यों की जांच करनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने ट्वीट को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया, कहा कि मीडिया को फैक्ट की जांच करनी चाहिए, कहा कि उन्हें कुछ समझ होनी चाहिए क्योंकि मैं अदालत में था, ऐसे में मैं लखनऊ कैसे जा सकता हूं और परिवार से मिल सकता हूं. इसे भी पढ़ें : इस्लामिक">https://lagatar.in/islamic-state-claimed-responsibility-for-afghan-mosque-bombing-suicide-bomber-was-uighur/">इस्लामिकस्टेट ने अफगान मस्जिद बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली, आत्मघाती हमलावर उइगर था
हम सभी गैरजिम्मेदार ट्वीट में निशाने पर : हरीश साल्वे
खबरों के अनुसार यह मामला उस समय सामने आया जब एक वकील ने बेंच को जानकारी दी कि गुरुवार को एक मीडिया संगठन ने एक ट्वीट किया था जिसमें कहा गया था कि चीफ जस्टिस ने लखीमपुर खीरी घटना के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की थी. इस पर योगी सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हम सभी गैर-जिम्मेदार ट्वीट में निशाने पर हैं. कहा कि मैंने कुछ ट्वीट अपने बारे में भी देखे है. इस क्रम में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अदालत को उम्मीद है कि उन्हें यह बताने के लिए एक प्रामाणिक और स्वैच्छिक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए कि हमने यही किया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम मीडिया और उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन यह इसे पार करने का तरीका नहीं है. यह बिल्कुल उचित नहीं है. इसे भी पढ़ें : लखीमपुर">https://lagatar.in/lakhimpur-kheri-violence-sidhu-sat-on-hunger-strike-said-will-sit-till-the-arrest-of-minister-ajay-mishras-son/">लखीमपुरखीरी हिंसा : सिद्धू भूख हड़ताल पर बैठे, कहा, मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी तक नहीं हटेंगे [wpse_comments_template]
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