New Delhi : भारत के पड़ोसी देश नेपाल में जारी हिंसा को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई ने चिंता जताई है. साथ ही कहा कि वहां के हालात देख कर हम कह सकते हैं कि हमें अपने संविधान पर गर्व है.
जस्टिस विक्रमनाथ ने का कहना था कि बांग्लादेश में भी ऐसी स्थिति सामने आयी थी. अब नेपाल में यह हो रहा है. दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ राष्ट्रपति और राज्यपालों के अधिकार क्षेत्र से जुड़े मसले पर सुनवाई कर रही थी. इसी क्रम में सीजेआई ने नेपाल प्रकरण पर कहा कि हमें अपने संविधान पर गर्व है
चीफ जस्टिस बीआर गवई हाल ही में नेपाल गये थे. वहां नेपाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश मानसिंह राउत से मिले थे. काठमांडू में नेपाल-भारत न्यायिक संवाद को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने भारतीय न्यायपालिका की उपलब्धियों का जिक्र किया था.
कहा था कि भारत और नेपाल की न्यायपालिका के बीच काफी पुराने रिश्ते हैं. कार्यक्रम में नेपाल के चीफ जस्टिस प्रकाश मान सिंह राउत समेत दूसरे जज मौजूद थे. इस क्रम में चीफ जस्टिस ने भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में दर्शन किये थे.
नेपाल में केपी ओली सरकार के तख्ता पलट के बाद युवा प्रदर्शनकारी देश में सामाजिक सुधारों की मांग कर रहे हैं. साथ ही प्रदर्शनकारी दशकों से भ्रष्ट राजनीतिज्ञों द्वारा लूटी गयी संपत्ति की जांच की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के नेतृत्वकर्ताओं की मांग है कि हिंसा में मारे गये लोगों को राज्य में शहीद का दर्जा मिले.
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