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कांग्रेस ने दी नये उपराष्ट्रपति को शुभकामना, तानाशाही से बचने की नसीहत भी दी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद दिलाई

New Delhi : कांग्रेस ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को आज बुधवार को शुभकामनाएं देते हुए   नसीहत भी दे डाली. कांग्रेस ने उन्हें देश के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद दिलाई. आशा व्यक्त की कि वे अपना कर्तव्य निभायेंगे और तानाशाही नहीं करेंगे.

 

 

कांग्रेस ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा 1952 में राज्यसभा में कहे गए उन शब्दों को कोट किया कि अगर कोई लोकतंत्र विपक्षी दलों के समूह को सरकार की नीतियों के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र आलोचना करने की इजाजत नहीं देता तो वह तानाशाही में बदल जाता है.

 

 


 कांग्रेस ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जो उपदेश दिया था, उसका उन्होंने अक्षरशःपालन किया था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नये उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट किया.

 

 

 रमेश ने वनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, जो राज्यसभा के सभापति भी होंगे, उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कांग्रेस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के प्रथम सभापति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरक शब्दों को स्मरण करती है. रमेश ने लिखा कि 16 मई, 1952 को राज्यसभा के उद्घाटन  अवसर पर डॉ राधाकृष्णन ने कहा था, मैं किसी एक दल का नहीं हूं.

 

 

इसका अर्थ यह है कि मैं इस सदन के हर दल का हूं. मेरा प्रयास संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखना होगा और प्रत्येक दल के प्रति पूर्ण निष्पक्षता और समानता के साथ कार्य करना होगा. किसी के प्रति द्वेष नहीं.  यदि कोई लोकतंत्र विपक्षी समूहों को सरकार की नीतियों की निष्पक्ष, स्वतंत्र और स्पष्ट आलोचना करने की अनुमति नहीं देता है, तो वह तानाशाही में बदल सकता है.

 

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