Bengaluru : कांग्रेस ने एक बार फिर EVM पर सवाल उठाया है. इस बार आवाज कर्नाटक कांग्रेस के नेता ने उठाई है. कर्नाटक के इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने EVM पर संदेह जताया है.
I have once again written to the @ECISVEEP, urging them to facilitate a court-monitored technical audit of EVMs along with an ethical hackathon under independent oversight. My proposal, first submitted on December 3, 2024, was aimed at ensuring a transparent evaluation of the… https://t.co/OOP49t67cC pic.twitter.com/957em7UgaT
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) September 8, 2025
उन्होंने इस संबंध में चुनाव आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखा है. अपने पत्र में कहा है कि जनता EVM (ईवीएम) की कार्यप्रणाली और उनकी विश्वसनीयता को लेकर संदेह कर रही है.
प्रियांक ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को लिखा है कि मतदान प्रक्रिया की सुरक्षा और पारदर्शिता की जांच देश के शीर्ष अनुसंधान एवं विकास संस्थानों की भागीदारी से न्यायालय की निगरानी में की जाये. उन्होंने सीईसी नैतिक हैकाथॉन और ऑडिट की अनुमति देने की गुहार लगाई है.
प्रियांक खड़गे ने लिखे गये पत्र की एक तस्वीर एक्स पर साझा की है. उन्होंने लिखा, मैंने एक बार फिर @ECISVEEP को पत्र लिखकर उनसे स्वतंत्र निगरानी में ईवीएम के न्यायालय की निगरानी में तकनीकी ऑडिट के साथ-साथ एक नैतिक हैकथॉन की सुविधा मुहैया कराने का आग्रह किया है.
इस क्रम में मंत्री प्रियांक खड़गे ने त्रुटिरहित मतदाता सूची बनाने को लेकर चुनाव आयोग की क्षमता पर संदेह जताया है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड पूरे भारत में मतदाता पहचान पत्र के रूप में मान्य हैं, लेकिन बिहार में नहीं? कहा कि अगर चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को लेकर गंभीर है, तो महादेवपुरा (कर्नाटक) और बिहार के मुद्दे क्यों नहीं सुलझ रहे हैं.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जनता की चिंताओं को नज़रअंदाज़ करने से अविश्वास और बढ़ रहा है. संस्थाओं की स्वतंत्रता और चुनावों की ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
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