Ranchi : मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा नव-नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (गणित एवं विज्ञान) तथा गोड्डा जिले के इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा 1 से 5) को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया.

समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य अतिथियों को पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया.
समारोह में 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (गणित एवं विज्ञान) नियुक्ति पत्र सौंपा गया जिसमें सांकेतिक रूप से 5 नव-नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया. इनमें सीमा कुमारी (रांची), सबाना खातून (गुमला), उषा सुषमा (लोहरदगा), अखिलेश महतो (पूर्वी सिंहभूम) एवं ऋषिकेश मांझी (सरायकेला) शामिल थे.
वहीं, गोड्डा जिले के इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा 1 से 5) में 170 को नियुक्ति पत्र सौंपा गया जिसमें सांकेतिक रूप से राजेश कुमार यादव, ज्ञान मोहन रंजन, चलसी पासवान, अल्फोंसा मरांडी एवं सरिता शामिल रहे. इस अवसर पर परियोजना आधारित शिक्षण (Project Based Learning - PBL) का भी शुभारंभ किया गया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति कार्यक्रम राज्य के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक और कदम है. युवाओं को राज्य से जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 26,000 पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक विकास पर भी ध्यान देना आवश्यक है. इसी कड़ी में शिक्षा को एआई तकनीक और डिजिटल शिक्षकों से जोड़ने की दिशा में पहल की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को अब तक एक मजदूर राज्य के रूप में देखा जाता रहा है. इस सोच को बदलने की जिम्मेदारी हम सभी की है. यदि हम अब सुधार नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति यहीं समाप्त नहीं होती, यह सभागार और भी नियुक्तियों का गवाह बनेगा. नव-नियुक्त आचार्यों से मुख्यमंत्री ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राज्य में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए नई नीतियों को लागू किया जाएगा. समारोह का समापन राज्य परियोजना निदेशक शाही रंजन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सरकारी विद्यालयों को निजी स्कूलों के स्तर तक लाना है. उन्होंने शिक्षकों से बेहतर शिक्षा के लिए सुझाव मांगे और भरोसा दिलाया कि उन पर विचार होगा. उन्होंने शिक्षकों को बौद्धिक झारखंड के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी और कहा कि अब राज्य को खनिज संपदा ही नहीं, बौद्धिक क्षमता के लिए भी जाना जाएगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मंत्री संजय प्रसाद यादव, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव उमाशंकर सिंह तथा मनोज कुमार भी उपस्थित रहे.
                
                                        

                                        
Leave a Comment