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CM हेमंत ने शिबू सोरेन इंजीनियरिंग-मेडिकल कोचिंग का किया उद्घाटन

Ranchi : झारखंड के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया. राज्य में उच्च शिक्षा की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए दिशोम गुरु शिबू सोरेन इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कोचिंग संस्थान का भव्य शुभारंभ किया गया. 

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इस महत्वाकांक्षी संस्थान का उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. कार्यक्रम में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, राज्यसभा सांसद महुआ माझी सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

 

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री द्वारा दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमा के अनावरण से हुई. इसके बाद झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की झलक देखने को मिली—पारंपरिक नृत्य, वाद्य यंत्रों और लोकगीतों के साथ मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री ने सखुआ का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.

 

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह परिसर कभी केवल बड़े-बड़े भाषणों का केंद्र हुआ करता था, लेकिन आज यही स्थान आदिवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव बन चुका है.

 

उन्होंने छात्रों से लक्ष्य के प्रति पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके सपनों को साकार करने में हर कदम पर साथ खड़ी है.

 

मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में पढ़ाई के साथ खेलकूद की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके.

 

उन्होंने सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे लाखों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुल रही हैं.

 

कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित इस कोचिंग संस्थान के पहले चरण में 300 विद्यार्थियों का चयन किया गया है. चयनित छात्र राज्य के विभिन्न बोर्डों से आए हैं. इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जिम्मेदारी कोटा के प्रतिष्ठित मोशन संस्थान को सौंपी गई है.

 

संस्थान में 300 युवाओं को NEET और JEE परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा. 10वीं पास बच्चों को दो वर्ष एवं 12वीं पास बच्चों को एक वर्ष के लिए कोचिंग प्रदान किया जाएगा. राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर मोशन एजुकेशन बच्चों को कोचिंग प्रदान करेगा. प्रथम चरण में 138 छात्राएं और 162 छात्रों का चयन निः शुल्क कोचिंग के लिए हुआ है.

 

अधिकारियों ने बताया कि यह संस्थान आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली आदिवासी छात्रों के लिए वरदान साबित होगा. प्रतियोगी परीक्षाओं की गुणवत्तापूर्ण तैयारी का यह मंच झारखंड में आदिवासी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत का संकेत दे रहा है.

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