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सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम तेज, अंतिम दौर में बगहा कालेश्वर धाम मंदिर का सौंदर्यीकरण

West Chamaran: एक ओर देश कोविड के संक्रमण से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम तेजी से किया जा रहा है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के समीप त्रिवेणी संगम पर स्थित ऐतिहासिक कालेश्वर मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार जल संसाधन विभाग के द्वारा किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 100 करोड़ की लागत से हो रहे सुौंदर्यीकरण का काम अंतिम दौर में है. जिसके तहत गंडक नदी के तट पर पाथ-वे और ईको पार्क का निर्माण किया गया है. इसी में समाहित कौलेश्वर स्थान का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है.

पेवर ब्लॉक लगाकर सौंदर्यीकरण

कौलेश्वर स्थान परिसर में पेवर ब्लॉक लगाकर सौंदर्यीकरण किया गया है. प्राकृतिक सौंदर्य से भरे पहाड़, जंगल, कल-कल बहती गंडक नदी, पक्षियों का कलरव सुकून देता है. जिसका लुफ्त उठाने के लिए पर्यटक अनायास ही यहां खींचे चले आते हैं. आपको बता दें कि सोनभद्र, तमसा और नारायणी नदी का संगम अपने आप में अनूठा है. कल-कल करती गंडक नदी की निर्मल धारा, ऊंचे-ऊंचे पहाड़, जहां तक नजर जाए, दिल को सुकून देने वाली हरियाली है. ऐसे ही प्राकृतिक छटा के बीच बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) की हसीन वादियों में बसे वाल्मीकिनगर बिहार के मानचित्र पर उभर रहा है. 890 वर्ग किलोमीटर में फैले वीटीआर के बीच भारत और नेपाल की सीमा पर बसा वाल्मीकिनगर अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है.

एनएनटी डेवलपर्स कंपनी का प्रोजेक्ट

इस संबंध में एनएनटी डेवलपर्स कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनय प्रताप सिंह ने बताया कि, सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर कौलेश्वर मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया गया है. जो वर्षों से उपेक्षित था. वाल्मीकिनगर की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में वाल्मीकिनगर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू हुई हैं. पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजनाएं पूरी होने से वाल्मीकिनगर में पर्यटन उद्योग को नई उड़ान मिलेगी. इससे वीटीआर में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी.

करोड़ों की लागत से हो रहा कायाकल्प

वीटीआर के मध्य स्थित कालेश्वर मंदिर के दिन बहुरने लगे हैं. इस पर्यटन स्थल को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. वर्ष 2019-20 में वाल्मीकिनगर में एक लाख पर्यटक आए थे. इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने की संभावना है. इससे रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे. वाल्मीकिनगर के विकास से पूरे क्षेत्र का आर्थिक सामाजिक विकास होगा. बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट का अधिकांश काम पूरा हो गया है. जिसके तहत मंदिर का जीर्णोद्धार, फूलों के पौधे लगाकर खूबसूरती बढ़ाना, गंडक नदी के किनारों पर रास्तों का विकास करना आदि शामिल है.

 

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