Dhanbad : कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी अपने दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार की शाम धनबाद पहुंचे. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में क्रिटिकल मिनरल्स की मांग तेजी से बढ़ी है. ऐसे में भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना समय की मांग है. कोयला मंत्री धनबाद पहुंचने के बाद सबसे पहले आईआईटी-आईएसएम गए. वहां उन्होंने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन क्रिटिकल मिनरल्स एंड वर्चुअल माइंस सिम्युलेटर का उद्घाटन किया.
इसके बाद उन्होंने पेनमेन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों को संबोधित किया. रेड्डी ने कहा कि वर्तमान में भारत अपनी जरूरत का करीब 95 प्रतिशत क्रिटिकल मिनरल्स का आयात करता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को क्रिटिकल मिनरल्स उपलब्ध कराने वाले कई देशों ने आपूर्ति करने से इंकार कर दिया. जिससे देश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. क्रिटिकल मिनरल्स आधुनिक तकनीक, रक्षा क्षेत्र, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर और औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं. ऐसे में दूसरे देशों पर निर्भर रहना देश के हित में नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदलते वैश्विक हालात और देशों के रुख को देखते हुए क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राथमिकता दी है. उन्होंने आईआईटी-आईएसएम की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान के शोध और तकनीकी नवाचार आने वाले समय में देश को क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
आईआईटी-आईएसएम में कार्यक्रम के बाद कोयला मंत्री बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन गए. वहां वे बीसीसीएल अधिकारियों और जेआरडीए के साथ कोयला उत्पादन, खनन कार्यों और विकास योजनाओं को लेकर समीक्षात्मक बैठक करेंगे.
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