- तुष्टीकरण के कारण कांग्रेस को राम नाम से है चिढ़
- नई योजना में मजदूरों को मिलेंगे 125 दिन काम
- योजनाओं में पूरी पारदर्शिता की गारंटी
- योजनाओं का साल में दो बार होगा ऑडिट
- दलाल बिचौलियों पर लगेगी लगाम
Ranchi : भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह सांसद आदित्य साहू ने राज्य सभा में (जी राम जी) गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन के समर्थन में कहा कि मनरेगा कांग्रेस के शासन के 2007 में शुरू हुआ था, लेकिन लंबे समय के बाद भी इसके जो उद्देश्य थे वे पूरे नहीं हुए.
यह योजना पूरी तरह लूट खसोट, भ्रष्टाचार का जरिया बन गया था. झारखंड में तो इस योजना में लूट मची है.
राज्य सरकार के संरक्षण में योजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ, मजदूरों को काम न देकर जेसीबी, डंफर से काम कराए गए जिसे किसी भी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराई जा सकती है. ऐसी लूट और भ्रष्टाचार को रोकने तथा मजदूरों, गरीबों को धरातल पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ही नई योजना जी राम जी को लाया गया है.
गांव, गरीब में उत्साह
जी राम जी इस योजना की जानकारी फैलते ही गांव, गरीब में उत्साह है. प्रधानमंत्री की नई सोच से गांव, गरीब किसान को लाभ होने वाला है. अब 100 की जगह 125 दिन रोजगार मिलेंगे. कांग्रेस तुष्टीकरण में आकंठ डूबी है.
इसे राम और हिंदुत्व से चिढ़ है. इसीलिए राम मंदिर का विरोध किया, राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकरा दिया. कांग्रेस को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अपने अंत समय में हे राम ही कहा था.
राम भारत की आत्मा हैं
राम भारत की आत्मा हैं, पहचान हैं. इसलिए भाजपा सरकार ने टेंट से निकालकर भव्य मंदिर में रामलाला को विराजित किया. रोजगार और आजीविका मिशन में बदलते ग्रामीण आवश्यकताओं पर बल दिया गया है. कांग्रेस का नेतृत्व सोने की चम्मच लेकर जन्म लिया है इसलिए उन्हें गांव की स्थिति का अंदाजा नहीं.
आज इसी के कारण कांग्रेस मुक्त भारत बन रहा है. जब गांव के विकास की बात होती है तो कांग्रेस विरोध करती है. झारखंड में मनरेगा की स्थिति अत्यंत खराब है, फर्जी निकासी आम बात है, 50% से अधिक पैसे दलाल बिचौलिए खा जाते हैं.
नई योजना में लूट रोकने का पूरा प्रावधान है. योजनाओं को जीपीएस, मोबाइल से जोड़ा जाएगा.
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