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कांग्रेस ने कहा,  विदेश गये डेलीगेशन से पीएम मोदी का मिलना ठीक, पूछे चार सवाल

New Delhi :  ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश भेजे गये सात डेलीगेशन में शामिल सदस्यों से पीएम मोदी की मुलाकात के लेकर कांग्रेस ने कहा कि यह स्वाभाविक था कि प्रधानमंत्री उन सभी 50 सांसदों से मिलें जो 32 देशों में गये इन सात प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य थे. जहां तक हमारा सवाल है, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी. लेकिन हमारे पास केवल चार सरल प्रश्न हैं. हम चाहेंगे कि प्रधानमंत्री इन प्रश्नों का उत्तर दें. 

 

 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर पूछा कि हमारा पहला प्रश्न है कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कब करेंगे और नेताओं से मिलेंगे? सांसदों से नहीं, बल्कि नेताओं से. पूछा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद उभरी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों पर क्या उन्हें विश्वास में लेंगे मोदी?  

 

रमेश ने दूसरा  प्रश्न पूछा कि कारगिल युद्ध के बाद, हमारे पास एक कारगिल समीक्षा समिति थी. क्या सिंगापुर में सीडीएस के खुलासे के बाद भी ऐसी ही कवायद होगी?  क्या कोई समीक्षा की जायेगी? क्या कोई विश्लेषण होगा?  क्या कोई रिपोर्ट को संसद में पेश किया जाएगा? 

 

जयराम रमेश का तीसरा प्रश्न यह है कि क्या प्रधानमंत्री मानसून सत्र के दौरान आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों, चीन, पाकिस्तान, नयी उभरती प्रौद्योगिकियों पर दो पूरे दिन की चर्चा की अनुमति देंगे, जिनका हमें सामना करना है. रमेश ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा बार-बार भारत को चुनौतियां देने का जिक्र किया.

 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश कहा कि हमारा चौथा सवाल यह है कि इस क्रूर हमले को अंजाम देने वाले पहलगाम के आतंकवादी अभी भी आज़ाद हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है.  वे 23 दिसंबर को पुंछ हमले के लिए ज़िम्मेदार थे.  वे 24 अक्टूबर को गगनगीर के लिए ज़िम्मेदार थे, वे 24 अक्टूबर को गुलमर्ग हमले में शामिल थे.  

 

रमेश कहा कि ये सभी ऐसी रिपोर्ट हैं जिनका खंडन नहीं किया गया है.  रमेश ने पूछा कि  पहलगाम के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में कब लाया जायेगा?  उन्होंने कह कि प्रधानमंत्री का सांसदों से मिलना ठीक है.  यह उनका विशेषाधिकार है. लेकिन वे राजनीतिक दलों के नेताओं से कब मिलने जा रहे हैं?  वे आगामी संसद सत्र में दो दिवसीय चर्चा की घोषणा कब करने जा रहे हैं?