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पीएम मोदी के मणिपुर दौरे पर कांग्रेस ने हल्ला बोला, कहा, यह दिखावा है, पूछा, आपका राजधर्म कहां है?

 New Delhi :  पीएम मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर हमलावर कांग्रेस हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में आपका(मोदी) तीन घंटे का पड़ाव करुणा नहीं है. यह एक दिखावा है और घायल लोगों का घोर अपमान है.

 

 

 

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर पोस्ट किया, आज इम्फाल और चुराचांदपुर में आपका तथाकथित रोड शो, राहत शिविरों में लोगों की चीखें सुनने से बचने का एक कायराना प्रयास है! लिखा कि  मणिपुर  में 864 दिनों की हिंसा में लगभग 300 लोग मारे गये,  67,000 विस्थापित हुए और  1,500 से ज़्यादा लोग घायल हुए

 


खड़गे ने कहा कि इसके बाद आपने 46 विदेश यात्राएं कीं, लेकिन अपने ही नागरिकों से सहानुभूति के दो शब्द कहने के लिए एक भी यात्रा नहीं की. कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर आप और गृह मंत्री अमित शाह की घोर अक्षमता और विश्वासघात को जांच से बचा लिया गया. हिंसा अभी भी जारी है.

 


खड़गे ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी भाजपा की थी और अब केंद्र सरकार फिर से टालमटोल कर रही है. आप अपने लिए एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित कर रहे हैं. यह उन लोगों के ज़ख्मों पर एक क्रूर प्रहार है जो अभी भी आपकी बुनियादी संवैधानिक ज़िम्मेदारियों से विमुख होने के कारण पीड़ित हैं!  आपके ही शब्दों में, आपका राजधर्म कहां है?

 


AICC सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हिंसा भड़कने के ढाई साल बाद आख़िरकार इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मणिपुर जा रहे हैं. सुप्रिया ने एक्स पर पोस्ट किया, सनद रहे कि आज भी वहां पर लोगों के आंसू पोंछने, विस्थापितों से मिलने, जिन महिलाओं को नोचा गया, उनका हाल जानने या शांति की अपील करने के लिए नहीं, बल्कि रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने जा रहे हैं. 

 

 

शायद इसीलिए उनके मणिपुर आगमन का विरोध हो रहा है. लिखा कि भला कौन भूल सकता है जलते हुए मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ कर मोदी जी दुनिया नाप रहे थे. कौन भूल सकता है कि जब तक अपनी सरकार पर नहीं आ गयी, तब तक मणिपुर में राष्ट्रपति शासन तक नहीं लगाया. कौन भूल सकता है कि मोदी जी मणिपुर के प्रतिनिधियों तक से नहीं मिले.

 

 

कौन भूल सकता है आदमखोरों की भीड़ ने महिलाओं के साथ क्या किया और कैसे प्रधानमंत्री 78 दिन बाद महज़ 36 सेकंड बोल पाये थे.  कौन भूल सकता है कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, वरना मोदी जी सदन में मणिपुर पर बोलने के लिए तैयार ना थे और मणिपुर पर बोले भी तो सिर्फ 2 मिनट कौन भूल सकता है कि बिरेन सिंह की पुलिस आर्मी से उलझ रही थी और उनके ऊपर हमला भी किया.

 

 

कौन भूल सकता है कि हथियारों की अनवरत सप्लाई बनी रही, और लोग खुलेआम बंदूक लहरा रहे थे आशा है आज प्रधानमंत्री फीता काटने के बाद वहां खड़े होकर मणिपुर से हाथ जोड़कर माफी मांगेंगे. महिलाओं के साथ जो बर्बरता हुई उसके लिए, मासूम बच्चों की जो हत्याएं हुईं उसके लिए माफी मांगेंगे.  मुझे हमेशा इस बात का फ़क्र रहेगा कि जब मोदी जी ने मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया था, तब राहुल गांधी जी ने बार-बार मणिपुर जाकर लोगों को गले लगाया और यह विश्वास दिलाया कि यह देश उनके साथ है. 

 

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